अब तक की सबसे बड़ी खबर

भारतीय किसान संगठन के पदाधिकारियो ने प्रदेश अध्यक्ष की सुरक्षा की मांग करी 
   लखीमपुर खीरी आज दिनांक 1.7.2024 को भारतीय किसान संगठन के लखनऊ मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र वर्मा की देखरेख में जिला अध्यक्ष सद्दाम रहमानी के नेतृत्व में भारतीय किसान संगठन के प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र कुमार "पंकज" को सुरक्षा दिए जाने के संबंध में भारत सरकार के माननीय गृहमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला अधिकारी महोदय खीरी को सौंपा गया इससे पहले जिला अध्यक्ष सद्दाम रहमानी की अध्यक्षता में संगठन की एक बैठक हुई इस दौरान जिला अध्यक्ष सद्दाम रहमानी ने कहा कि हमारे प्रदेश अध्यक्ष श्री देवेंद्र कुमार "पंकज" को अराजक तत्वों से जान का खतरा है प्रदेश अध्यक्ष मूल रूप से जनपद एटा की ग्राम पंचायत परोली सुहागपुर मजरा मतबरिया थाना जैथरा के मूल निवासी हैं। वर्तमान में लखीमपुर खीरी में रहते हैं। वही के कुछ अराजक तत्व प्रदेश अध्यक्ष जी की हत्या कर देना चाहते हैं। मंडल उपाध्यक्ष नरेंद्र वर्मा ने कहा की श्री देवेंद्र कुमार "पंकज" जी की पुश्तैनी संपत्ति एटा में है वहां अध्यक्ष जी की मां और उनके परिवार ने मिलकर भगवान महादेव जी का एक मंदिर अपनी निजी जगह घर में बनवाया था उस मंदिर से इनके पूर्वजों ने करी 14 बीघा जमीन भी लगाई थी देवेंद्र कुमार पंकज जी के पिताजी का स्वर्गवास बचपन में ही हो गया था और वह लखीमपुर आ कर शिफ्ट हो गए थे जिला एटा में परिवार का भी कोई व्यक्ति नहीं रहता है मंदिर और संपत्ति पर वहां के अराजक तत्वों की नियत खराब है और वह लोग श्री पंकज की हत्या कर संपत्ति हड़प लेना चाहते हैं यहां लखीमपुर खीरी में भी आ कर हत्या का षड्यंत्र कर चुके हैं इसलिए आज हम सब भारतीय किसान संगठन के लोग अपने प्रदेश अध्यक्ष देवेंद्र कुमार "पंकज" की सुरक्षा की मांग करते हैं ताकि कोई अनहोनी न होने पाए। अगर सुरक्षा देने में हीला हवाली हुई तो हम सब मिल कर संयुक्त किसान संगठन के लोग धरना प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। प्रदेश सचिव कामिल उस्मानी ने कहा कि इस संबंध में प्रदेश अध्यक्ष जी ने गृहमंत्री महोदय और मुख्यमंत्री महोदय को पत्र भी लिखा है मगर अभी तक कोई संज्ञान नहीं लिया गया है हमारे संगठन के लोगों ने पहले भी ज्ञापन प्रेषित किया है मगर अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई अगर जल्दी ही सुरक्षा व्यवस्था नहीं कराई गई तो किसान संगठन आंदोलन करेंगे। इस दौरान पिंटू वर्मा अमित वर्मा दीपक रस्तोगी शैलेश शर्मा रामजी वर्मा राम सागर गौतम शिवा रस्तोगी सौरभ वर्मा आदि सैकड़ो की संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे
(भारत संवाद 24 न्यूज़)
आनंद मल्होत्रा एडवोकेट बिसवां सीतापुर
सरकारी संपत्तियों पर
 चलते बुलडोजर और बेघर होते लोग

बिसवां में भी सरकारी जमीनों पर हजारों मकान बने हैं, मतलब बिसवां की एक बड़ी आबादी भी बुलडोजर की जद में कभी भी आ सकती है
   लेकिन बोलने वाला कोई नहीं है

          लखनऊ का अकबरनगर अब इतिहास में दर्ज हो चुका है जमींदोज किए जा चुके इस इलाके पर कार्यवाही इसलिए हुई क्योंकि यह अवैध तरीके से सरकारी जमीन पर बसा हुआ था।
            सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर यहां के करीब 1200 मकानों को बाबा के बुलडोजरों ने कई दिनों तक लगातार गिराया, ढहाया। यहां के बाशिंदे सुप्रीम कोर्ट तक गए लेकिन हताशा हाथ लगी।
     इससे पहले कि बिसवां का भी कोई मकान या दुकान सरकारी संपत्ति कहकर गिराया जाए, इसके लिए आवाज उठाइए क्योंकि बिसवा में गलत तरीके से दर्ज है सरकारी संपत्ति__________________

हाल बिसवा नगर की आवासीय संपत्तियों का 
राजस्व अभिलेखों में करीब आधे से ज्यादा बिसवा राजकीय संपत्ति में दर्ज है
कहीं आपका घर, दुकान, सहन  या प्लाट भी तो राजकीय संपत्ति में दर्ज नहीं है?
    बिसवां के वरिष्ठ वकील सुरेश मौर्या जी से कानूनी रूप से समझिए कि किस तरह बिसवां की आवासीय संपतियां गलत तरीकों से राजकीय संपत्ति दर्ज कर दी गई हैं।

               अप्रैल 2022 के पहले तक यदि आपको बिसवा नगर में स्थित अपना कोई मकान, प्लाट, दुकान या सहन बेचना होता था तो आपको बैनामे में उस संपत्ति की लोकेशन क्लियर करने के लिए उस संपत्ति का मोहल्ला और चौहद्दी दर्शाना पड़ता था जिससे यह क्लियर हो सके कि वह संपत्ति कहां स्थित है। इसके बाद अन्य कानूनी प्रक्रियाओं को पूरा करने के बाद आपका बैनामा हो जाता था।
            लेकिन अप्रैल 22 में जिलाधिकारी सीतापुर के एक लिखित आदेश के बाद बैनामे में गाटा संख्या डालना अनिवार्य कर दिया गया।
         गाटा संख्या के पेंच के बाद जब लोगों ने राजस्व अभिलेख देखने शुरू किए तो बिसवा नगर की पुरानी आवासीय संपत्तियों में बहुत बड़ा हिस्सा राजकीय संपत्ति निकला।
       अगर आप बिसवा नगर के राजस्व अभिलेख देखेंगे तो उसमें पूरे के पूरे मोहल्ले और इलाके तक राजकीय संपत्ति में दर्ज मिलेंगे।
           यानी आप भले ही किसी ऐसे मकान में रहते हो जिसमें आपके बाबा और परदादा भी रहे हों मतलब उस मकान पर आपका पूर्वजों से कब्जा चला आ रहा हो लेकिन राजस्व अभिलेखों में वह मकान राजकीय संपत्ति दर्ज हो सकता है।
             अब अगर आपको पैसों की जरूरत हो या आप उस मकान को बेंचकर किसी दूसरे शहर में मकान लेना चाहे तो आपका वह मकान, संपत्ति राजकीय संपत्ति दर्ज होने के कारण बिक नहीं सकती है 
         "क्योंकि आप उस संपत्ति के वास्तविक मलिक भले हो परंतु दृश्यवान स्वामी सरकार है।"
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अब राजकीय संपत्ति के पेंच को समझिए
                हमारे देश में इस समय जो भी कानून चलन में है वह या तो ब्रिटिश कालीन है या आजाद भारत के बने हुए हैं।
           अंग्रेजों के समय जमींदारी प्रथा थी जो जमींदारी विनाश अधिनियम 1950 के द्वारा समाप्त हुई।
             इस विषय पर जब बिसवा नगर के वरिष्ठ अधिवक्ता एवम रेवेन्यू  मामलों के विशेष जानकर सुरेश मौर्य से पूछा तो उन्होंने पूरे मामले को विस्तार से बताया।
          एडवोकेट श्री मौर्य ने बताया कि हर एक नगर "राजस्व गांव" भी है तथा किसी भी प्रकार की भूमि जैसे खेत, खलिहान, बाग, तालाब, पोखर, सड़क, नाला, दुकान, फैक्ट्री, कोतवाली, तहसील आदि का एक नंबर होता है। इस भूमि के नंबर को ही "गाटा संख्या" कहते हैं। यह गाटा नंबर क्षेत्रफल में बहुत बड़ा या बहुत छोटा भी हो सकता है।
         एडवोकेट श्री मौर्य बताते हैं कि जमींदारी के समय ग्राम या नगर की प्रत्येक इंच जमीन जमींदार की थी। जब उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि सुधार अधिनियम 1950 लागू हुआ तब
    - - बिसवा नगर की पुरानी आबादी और मकान वाले क्षेत्रों में जमींदारी विनाश नहीं हुआ।
        - - नगर में जो कृषिय भूमि है उसकी जमींदारी उत्तर प्रदेश नगरीय क्षेत्र जमींदारी विनाश अधिनियम 1956 से समाप्त हुई। इसके तहत
        1- नगर की कृषिय भूमि राज्य सरकार में निहित हो गई और राज्य सरकार ने जोतदारों के अधिकार निश्चित कर दिए।
        2- जैसे बिसवा नगर में नगर पालिका सीमा के अंदर 1 जुलाई 1963 को कृषिय भूमि की जमींदारी समाप्त हुई।
 विशेष __
                एडवोकेट श्री मौर्य ने बताया कि जमीदारी के समय प्रत्येक व्यक्ति चाहे वह कृषक हो अथवा अकृषक हो उसे राजस्व ग्राम (बिसवा नगर भी राजस्व ग्राम है) में मकान बनाने की अनुमति वहां का जमींदार देता था। ऐसे मकानदार को जमींदार  का मकान प्रयोजन का अनुज्ञप्तधारी (लाइसेंस होल्डर) कहा जाता था लेकिन जमीदार जब चाहे इस अनुज्ञप्ति को रद्द कर सकता था।
            परंतु यदि अनुज्ञप्तधारी ने (मकान बनाने वाले ने) मकान का स्थाई निर्माण कर लिया है मतलब मकान पक्का या कच्चा बना लिया है तो जमीदार अनुज्ञप्ति रद्द करने की शक्ति खो देता था।
        इस क्रम में जमींदारी प्रथा के समय अंग्रेजों द्वारा बनाई गई वाजिबुल अर्ज (रिवाजो का अभिलेख) बिसवा नगर में भी लागू है और इसी वाजिबुल अर्ज की धारा 9 इस आशय की है कि 
        "प्रत्येक भवन स्वामी को अपने भवन, मकान स्थल एवं उसके सहन को हस्तांतरित करने का अधिकार है।"
    अति विशेष___
                           यदि पूरे मामले को  शार्ट में लिखा जाए तो जब उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश अधिनियम 1950 बिसवा की पुरानी आबादी और मकान वाले क्षेत्रों में लागू ही नहीं हुआ तो वह जमीन जमीदार की ही बनी रही लेकिन चूंकि मकान जमीदार की सहमति से जमींदारी के समय ही बन गए थे और जमींदार उस मकान को गिरवा भी नही सकते थे तथा वाजिबुल अर्ज की धारा 9 के तहत मालिक मकान को अपना मकान हस्तांतरित करने का अधिकार मिल गया था
          फिर यह आवासीय संपत्ति राजकीय कैसे हो गई?
            इस प्रश्न के जवाब में एडवोकेट सुरेश मौर्य कहते हैं कि
    उत्तर प्रदेश जमींदारी एक्ट 1950 जहां कहीं लागू है चकबंदी अधिनियम भी उसी क्षेत्र में ही लागू रहा।
      नगर में उत्तर प्रदेश जमींदारी उन्मूलन अधिनियम 1950 नहीं लागू है अतः नगरीय क्षेत्र की कृषिय भूमि की चकबंदी नहीं हुई।
        श्री मौर्य आगे कहते हैं कि किसी भी बात के होते हुए ग्रामीण अथवा नगरीय आवासीय स्थलों पर चकबंदी अधिनियम लागू नहीं होता है।
         जिसका अर्थ है कि चकबंदी अधिनियम नगर अथवा ग्रामीण क्षेत्र की आबादी में प्रवेश नहीं कर सकता और न उसको अधिनियम द्वारा कोई शक्ति ही प्रदान की गई है।
        श्री मौर्य आगे कहते हैं कि अपनी पदीय हैसियत से हटकर व्यक्तिगत हैसियत का प्रदर्शन करके अपनी शक्तियों का दुरुपयोग करते हुए नगरीय क्षेत्र के आवासीय गाटा संख्याओं को चकबंदी अधिकारियों द्वारा अवैधानिक रूप से उस समय राजकीय संपत्ति अंकित कर दिया गया जब राजस्व गांव "बिसवा देहात" की चकबंदी प्रक्रियाएं चल रही थी।
         एडवोकेट श्री मौर्य कहते हैं कि चकबंदी अधिकारियों द्वारा यह त्रुटि भी की गई कि उन्होंने कृषिय भूमि के संबंध में जिस पर शहरी जमींदारी विनाश अधिनियम 1956 लागू था की चकबंदी बिना विधिक शक्तियों के प्रारंभ कर दी थी और कतिपय आदेश भी पारित किए गए थे  जिन्हें वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा बिना क्षेत्राधिकार के पारित आदेश मानकर निरस्त कर दिया था।
         जिला कलेक्टर उप जिला संचालक चकबंदी से वरिष्ठ अधिकारी हैं जो उत्तर प्रदेश राज्य का प्रतिनिधित्व करते हैं 
         बिसवा के नागरिकों को इस बात का दुखद आश्चर्य है कि जिलाधिकारी की दृष्टि इस अवैधानिक रूप से किए गए चकबंदी अधिकारियों के कार्यों पर क्यों नहीं पड़ती है?
 आनन्द मेहरोत्रा एडवोकेट
 ➡️....यूपी में कोई भी छात्र शिक्षा से वंचित नहीं रहेगा: योगी*

*मुख्यमंत्री ने डीबीटी माध्यम से 1056 करोड़ रुपये अभिभावकों के खाते में भेजे*

लखनऊ, प्रमुख संवाददाता। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि हमारे विद्यालय नवाचार और शोध के नए केंद्र के रूप में विकसित हों। छात्र-छात्राओं के अंदर कठिन चुनौतियों से जूझने का जज्बा हो, इसके लिए हम अपने आपको तैयार करें।मुख्यमंत्री शनिवार को राजधानी के लोकभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में प्रदेश के मेधावी छात्र एवं छात्राओं को सम्मानित कर रहे थे। इस दौरान योगी ने कक्षा एक से आठ तक के बच्चों को यूनिफॉर्म, जूता-मोजा, स्टेशनरी व स्कूल बैग के लिए डीबीटी के माध्यम से 88 हजार बच्चों के माता-पिता, अभिभावकों के खाते में 1200 रुपए की राशि भेजने की शुरुआत भी की।योगी ने कहा कि हम सभी की जिम्मेदारी है कि कोई भी छात्र स्कूल से वंचित न रह जाए। हम अपनी इस जिम्मेदारी का निर्वहन करें, ये देश की सबसे बड़ी सेवा है। श्रीमद्भगवतगीता में तो किसी को शिक्षित करना सबसे पवित्र कार्य माना गया है। उन्होंने शिक्षकों व शिक्षा विभाग के अधिकारियों से कहा कि आप उस पवित्र कार्य से जुड़े हुए हैं। आपका आचरण एक शासकीय अधिकारी की तरह नहीं, बल्कि समाज के एक मार्गदर्शक के रूप में, एक शिक्षक के रूप में होना चाहिए।

*नई पीढ़ी के लिए रोल मॉडल हैं मेधावी छात्र:*

मुख्यमंत्री ने कहा कि इन कार्यक्रमों के माध्यम से हम अपने प्रतिभाशाली छात्र-छात्राओं को सम्मानित करते हुए नई पीढ़ी के सामने उन्हें रोल मॉडल के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं कि अगर वो भी ऐसे ही परिश्रम करेंगे तो उन्हें भी सम्मान प्राप्त होगा। योगी ने छात्रों को सफलता का मंत्र देते हुए कहा कि परिश्रम का कोई विकल्प नहीं हो सकता। शॉर्टकट अपनाने वाला व्यक्ति कभी मंजिल को प्राप्त नहीं कर सकता।

*मेधावियों के नाम पर रखा जाएगा सड़क का नाम*

मुख्यमंत्री ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा परिषद, यूपी माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद, सीआईसीएसई और सीबीएसई के छात्र-छात्राओं को यहां सम्मानित किया गया है। ये छात्र-छात्राएं जिस गांव, मोहल्ले के होंगे, वहां की सड़क का नामकरण इनके नाम पर या वहां की सड़क का निर्माण कार्य सरकार के स्तर पर होगा। विधायक और सांसद के साथ मिलकर इन्हीं के द्वारा इसका शिलान्यास भी कराया जाना चाहिए।

*मैं बचपन में इंजीनियर बनने की सोचता था: मुख्यमंत्री*

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संन्यास का फैसला लेना उनके और उनके माता-पिता के लिए चुनौती थी। कोई अभिभावक नहीं चाहता कि उसका बच्चा संन्यासी बन जाए। उन्होंने कहा कि बचपन में वह भी वही सोचते थे, जो आज के बच्चे सोचते हैं। वह चाहते थे कि एक अच्छा इंजीनियर बनें। बाद में अहसास हुआ कि कोई इंजीनियर या पद प्राप्त करने से अच्छा है कि पीड़ितों के साथ खड़ा रहूं। लखनऊ में आयोजित एक अन्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री ने यह बात कही।

*यूजीसी नेट वापस ऑनलाइन कराए जाने की घोषणा से युवा खुश* 

*18 जून को रद् हुई यूजीसी नेट परीक्षा 21 अगस्त से 4 सितम्बर के बीच*

लखनऊ, कार्यालय संवाददाता। यूजीसी नेट परीक्षा 2024 ऑफलाइन बीती 18 जून को हुई थी। परीक्षा के एक दिन बाद ही परीक्षा में गड़बड़ी के संकेत मिलने के बाद रद्द कर दिया गया था।अब राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने यूजीसी नेट को पूर्व की भांति ऑनलाइन कराने का निर्णय लेते हुए यूजीसी नेट के साथ ही सीएसआईआर नेट परीक्षा की तिथियां भी घोषित कर दी हैं। परीक्षा तिथि घोषित होने और परीक्षा ऑनलाइन कराए जाने की घोषणा का अभ्यर्थियों ने स्वागत किया है।यूजीसी नेट की तैयारी करने और 18 जून को परीक्षा देने वाले अभ्यर्थियों को परीक्षा रद् होने का बड़ा झटका लगा था। एक तो परीक्षा केन्द्र काफी दूर तक बना दिए गए थे और परीक्षा केन्द्रों पर अभ्यर्थियों को अव्यवस्थाएं भी देखने को मिली थीं। कई अभ्यर्थियों की परीक्षा छूट गई थी। अभ्यर्थियों ने परीक्षा केन्द्र पर हंगामा भी किया था। एनटीए ने शुक्रवार देर रात परीक्षा की तिथियां घोषित कीं। यूजीसी नेट की परीक्षा 21 अगस्त से चार सितम्बर के मध्य करायी जाएंगी।वहीं सीएसआईआर नेट की परीक्षा 25 जुलाई से 27 जुलाई तक, एनसीईटी 2024 परीक्षा 10 जुलाई को ऑनलाइन माध्यम से कराने की घोषणा की गई है। यूजीसी नेट की 18 जून को परीक्षा 83 विषयों में हुई थी। दो पाली में देश के 317 शहरों में हुई परीक्षा हुई थी। जिसमें 11.21 लाख से ज्यादा अभ्यर्थियों ने रजिस्ट्रेशन कराया था और 81 फीसदी अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। वहीं बता दें कि सीएसआईर नेट की परीक्षा 25 से 27 जून तक होनी थी। जो कि 21 जून को स्थगित कर दी गई थी।

*बच्चों में मानवीय संवेदनाएं जागृत करना शिक्षकों का काम:मुख्यमंत्री*

*मुख्यमंत्री योगी ने सीएमएस में शिक्षक-छात्र सम्मान समारोह को किया संबोधित*


लखनऊ, कार्यालय संवाददाता।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि शिक्षकों का सम्मान देश की वर्तमान और भावी पीढ़ी का सम्मान है। बच्चों में मानवीय संवेदनाओं को जागृत करना भी एक शिक्षक का दायित्व है। हमें छोटी-छोटी लोकोक्तियों के माध्यम से शिक्षण कला को और मनोरंजक बनाना चाहिए। इस क्षेत्र में लगातार नये अनुसंधान की भी जरूरत है। सीएम योगी शनिवार को गोमतीनगर विस्तार स्थित सीएमएस में शिक्षक सम्मान समारोह को संबोधित कर रहे थे।मुख्यमंत्री ने सीएमएस के संस्थापक डॉ जगदीश गांधी की स्मृतियों को नमन करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी। सीएम ने सीएमएस की संस्थापिका और चेयरमैन डॉ भारती गांधी की भी इस बात के लिए प्रशंसा की कि उन्होंने डॉ जगदीश गांधी जी के साथ अलीगढ़ से आकर लखनऊ में इस विशाल वटवृक्ष को रोपने का कार्य किया। मुख्यंमंत्री ने कहा कि डॉ भारती गांधी ने सीएमएस को प्रदेश का प्रतिष्ठित शिक्षण संस्था बनाया है। डॉ जगदीश गांधी विपरीत परिस्थितियों में भी हार न मानने वाले व्यक्ति थे। सीएम ने डॉ जगदीश गांधी और अपने संबंधों की चर्चा भी की।मुख्यंमत्री ने कहा कि शिक्षकों का सम्मान हमारे वर्तमान और भावी जीवन का सम्मान है। जो देश के भविष्य का निर्माण कर रहे हैं उनका सम्मान करना अपने आप में सम्मान का विषय है। शिक्षण व्यवस्थाओं से जुड़ी समस्याओं का समाधान कठिन परिश्रम है। परिश्रम से ही हमें अंतकरण की खुशी मिलती है। विद्यार्थियों को उबाऊ कक्षाओं से उबारकर कैसे मनोरंजक शिक्षा की ओर ले जाया जा सकता है, शिक्षकों को इसका ध्यान रखना होगा। शिक्षण कला में नये-नये अनुसंधान करने होंगे।

*सीएम ने कहा शिक्षा को मनोरंजक बनाना होगा*

सीएम योगी ने अपने छात्र जीवन की चर्चा करते हुए कहा कि लोकोक्तियों के माध्यम से शिक्षा को मनोरंजक बनाना होगा। बच्चों को स्वस्थ प्रतिस्पर्धा के लिए तैयार करना होगा, साथ ही उनकी क्षमताओं का भी ध्यान रखना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि सीएमएस के पास अनुभवी लीडरशिप है। हजारों परिवार बच्चों को बेझिझक यहां भेजते हैं, उन्हें पता है कि यहां जो शिक्षा दी जाएगी वो बच्चों का भविष्य उज्ज्वल बनाएगी।

*74 मेधावी सम्मनित*

सीएमएस ने आईएससी, आईसीएसई बोर्ड परीक्षा में 99 प्रतिशत से अधिक अंक लाने 74 मेधावियों को एक-एक लाख का चेक देकर सम्मानित किया। विदेश के विश्वविद्यालयों में छात्रवृत्ति के साथ उच्चशिक्षा के लिये चयनित छात्रों को भी सम्मानित किया। सांस्कृतिक आयोजन हुए। सीएमएस संस्थापिका-निदेशिका डॉ. भारती गांधी ने कहा कि शिक्षकों से समाज में रचनात्मक बदलाव आएगा। प्रबन्धक प्रो. गीता गांधी किंगडन ने कहा कि क्वालिटी एजुकेशन की आवश्यकता है।

*फीस जमा न करने वाले नहीं देंगे परीक्षा* 

*कई तरह के शुल्क जमा करने के लिए अंतिम तिथि 10 जुलाई*

*शुल्क न जमा करने वालों को सेमेस्टर परीक्षा से रोका जाएगा*

लखनऊ, संवाददाता। डॉ. शकुंतला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय में शुल्क जमा करने के लिए विद्यार्थियों को 10 जुलाई तक मौका दिया गया है। शुल्क जमा न करने वाले छात्र-छात्राओं के खिलाफ आवश्यक कार्रवाई की जाएगी। इस संबंध में कुलसचिव रोहित सिंह की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं। उनका कहना है कि विद्यार्थियों को कई तरह के शुल्क जमा करने होते हैं। शुल्क जमा करने की अंतिम तिथि 30 मई निर्धारित की गई थी। मगर अभी तक कई छात्रों ने शुल्क नहीं जमा किया है। इसके मद्देनजर विवि ने सभी शुल्क जमा करने के लिए 10 जुलाई तक का मौका दिया है। कुलसचिव ने बताया कि शुल्क न जमा करने वाले छात्रों को सेमेस्टर परीक्षा में शामिल होने से रोका जाएगा।

*अंतरराष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन में तीन छात्राएं चयनित* पुनर्वास विश्वविद्यालय की तीन छात्राओं का चयन युगांडा अंतरराष्ट्रीय पैरा बैडमिंटन ओपन चैंपियनशिप 2024 में हुआ है। एक से सात जुलाई तक होने वाले इस टूर्नामेंट में यह तीनों छात्राएं भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करेंगी। प्रतिभाग करने के लिए बीए प्रथम वर्ष की स्वाति, एमबीए प्रथम वर्ष की कनक सिंह जादौन और बीए प्रथम वर्ष की रुचि त्रिवेदी हैं। कुलपति प्रो. संजय सिंह, क्रीड़ा एवं योग प्रकोष्ठ के सदस्यों और छात्राओं प्रशिक्षक इरशाद और निदेशक प्रो. पी. राजीवनयन ने बधाई दी है।

*शिक्षकों, कर्मचारियों और छात्रों को मिलेगा इलाज* विवि में शिक्षकों, अधिकारियों, कर्मचारियों और विद्यार्थियों की स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के समाधान के लिए डॉक्टरों को बुलाने की तैयारी है। कुलसचिव की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि इच्छुक डॉक्टरों को बायोडाटा रजिस्टर्ड डाक से एक जुलाई तक भेजना है।

*तीन कोर्स में दूसरे साल में दस फीसदी सीटों पर प्रवेश* 

*03 कोर्स के अलावा दूसरे साल में प्रवेश नहीं*

लखनऊ, संवाददाता। डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय और संबद्ध कॉलेजों में बीटेक, बीफार्मा और एमसीए पाठ्यक्रम के द्वितीय वर्ष में अधिकतम 10 प्रतिशत सीटों पर ही प्रवेश लिए जा सकेंगे। जो बीते वर्ष के इन पाठ्यक्रमों में तय सीटों की 10 फीसदी होंगी। वही अभ्यर्थी पंजीकरण करा सकेंगे, जिन्होंने सीयूईटी यूजी और पीजी 2024 परीक्षा पास की हो।एकेटीयू में शैक्षिक सत्र 2024-25 के मद्देनजर बीटेक, एमबीए, एमसीए और एमसीए लेट्रल इंट्री कार्यक्रम में पंजीकरण प्रक्रिया जारी है। यूपी तकनीकी प्रवेश काउंसलिंग की आधिकारिक वेबसाइट के जरिए 10 जुलाई तक पंजीकरण किए जा रहे हैं। अभ्यर्थी बीटेक, बीफार्मा और एमसीए कार्यक्रम के दूसरे वर्ष में सीधे प्रवेश के लिए रजिस्ट्रेशन करा सकते हैं। कुलपति प्रो. जेपी पांडेय का कहना है कि बीटेक, बीफार्मा और एमसीए द्वितीय वर्ष में दाखिले के लिए किसी दूसरे प्रदेश के विद्यार्थी पात्र नहीं होंगे।

*नीट विवाद:सीबीआई की सात स्थानों पर छापेमारी* 

नई दिल्ली, एजेंसी। सीबीआई ने नीट-यूजी प्रश्नपत्र लीक मामले में गुजरात में सात स्थानों पर छापेमारी की। अधिकारियों ने शनिवार को बताया कि आनंद, खेड़ा, अहमदाबाद और गोधरा जिले में संदिग्धों के परिसरों पर सुबह छापेमारी की कार्रवाई शुरू की गई।सीबीआई ने नीट-यूजी प्रश्नपत्र लीक मामले में झारखंड के हजारीबाग स्थित एक स्कूल के प्रधानाचार्य और उपप्रधानाचार्य और एक हिंदी समाचार पत्र के एक पत्रकार को शुक्रवार को गिरफ्तार किया था। अधिकारियों ने बताया कि ओएसिस स्कूल के प्रधानाचार्य एहसानुल हक को राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा पांच मई को आयोजित मेडिकल प्रवेश परीक्षा नीट-यूजी के लिए हजारीबाग का नगर समन्वयक बनाया गया था। वहीं उपप्रधानाचार्य इम्तियाज आलम को एनटीए का पर्यवेक्षक और ओएसिस स्कूल का केंद्र समन्वयक नियुक्त किया गया था। अधिकारियों ने कहा कि सीबीआई प्रश्नपत्र लीक मामले के पांच और लोगों से भी पूछताछ कर रही है।

*प्राचार्य समेत तीन आरोपी सीबीआई रिमांड पर*

पटना। सीबीआई ने शनिवार को विशेष न्यायिक दंडाधिकारी हर्षवर्धन की अदालत में प्रचार्य एहसानुलक हक, उपप्रचार्य मो. इम्तियाज और पत्रकार मो. जलालुद्दीन को गिरफ्तार कर पेश किया। सीबीआई के अनुरोध पर कोर्ट ने तीनों से पूछताछ के लिए पांच दिनों का पुलिस रिमांड लेने की अनुमति दी। ब्योरा

*फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर स्कूल आवंटन कराने पहुंचे युवक को बीएसए ने पकड़ा*

सिद्धार्थनगर, वरिष्ठ संवाददाता। बीएसए कार्यालय पर शनिवार को चल रहे स्कूल आवंटन के दौरान फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर स्कूल आवंटन कराने आए युवक को बीएसए ने पकड़ लिया। बीएसए ने पुलिस बुलाकर आरोपित युवक को सदर पुलिस को सौंप तहरीर दे दी है। युवक वाराणसी का रहने वाला है।शुक्रवार से 12460 शिक्षक भर्ती के तहत नियुक्ति पत्र पा चुके जिले के नवनियुक्त 314 शिक्षकों के स्कूल आवंटन की प्रक्रिया चल रही थी। शुक्रवार को पहले दिन महिलाओं और दिव्यांग शिक्षकों को बुलाया गया था। इस दौरान आठ दिव्यांग और 122 महिलाओं ने परिषदीय विद्यालयों को लॉक किया। दूसरे दिन 184 पुरुष शिक्षकों को स्कूल लॉक करने के लिए बुलाया गया था। इस दौरान एक युवक नियुक्ति पत्र लेकर स्कूल आवंटन कराने पहुंचा। बीएसए देवेंद्र पाण्डेय ने बताया कि स्कूल आवंटन का कार्य चल रहा था। इसी दौरान वाराणसी जिले के कादीपुर क्षेत्र के राजबारी निवासी आफाक अहदम पुत्र अली अहमद फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर स्कूल आवंटन कराने पहुंचा। उस नियुक्ति पत्र पर मेरे व पटल सहायक के हस्ताक्षर पूरी तरह फर्जी हैं। संदेह होने पर पूछताछ की तो बताया कि गोंडा में काउंसलिंग कराया था। इसका मेरिट 68.24 गई थी। वहां पर नहीं हुआ। काउंसलिंग के दौरान एक बलिया का युवक मिला जो कहा कि सिद्धार्थनगर में कराए होते तो हो जाता। वहां मेरिट 67 के आसपास है। बलिया के युवक ने कहा कि वह उसका सिद्धार्थनगर में करा देगा। इसके लिए उसने10 लाख लिए। बलिया के युवक ने इसे फर्जी नियुक्ति पत्र थमा दिया और काउंसलिंग कराने सिद्धार्थनगर आ गया।

12460 शिक्षक भर्ती के तहत नियुक्ति पत्र पा चुके जिले के नवनियुक्त 314 शिक्षकों के स्कूल आवंटन की प्रक्रिया पूरी हो गई। सभी को स्कूल आवंटन हो गया है। स्कूल आवंटन के दौरान फर्जी नियुक्ति पत्र लेकर स्कूल आवंटन कराने आए एक युवक को पकड़ कर पुलिस को सौंप दिया गया है।

देवेंद्र कुमार पाण्डेय, बीएसए

*शिक्षकों के समायोजन को डीएम की अगुआई में गठित की गई टीम* 

*कम छात्र संख्या वाले स्कूलों की सूचना पोर्टल पर की जाएगी दर्ज*

*नगरीय व ग्रामीण दोनों क्षेत्रों के स्कूलों में किया जाएगा समायोजन*

बस्ती, निज संवाददाता। बेसिक शिक्षा विभाग में छात्र संख्या के आधार पर शिक्षकों को जिले के भीतर आवश्कता वाले स्कूलों में समायोजित करने की रूपरेखा तैयार कर ली गई है। जिलास्तर पर डीएम की अगुवाई में टीम गठित कर दी गई है। स्थानांतरण व समायोजन के लिए गठित समिति के अध्यक्ष डीएम होंगे। उपाध्यक्ष मुख्य विकास अधिकारी, सदस्य के तौर डायट प्राचार्य, बीएसए और वित्त एवं लेखाधिकारी (बेसिक) होंगे। समायोजन की पूरी प्रक्रिया को 19 जुलाई तक अंतिम रूप दे दिया जाएगा।बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव स्तर से जारी पत्र में बताया गया है कि अंतरजनपदीय पारस्परिक स्थानांतरण व 12460 शिक्षक भर्ती के तहत आवंटन पा चुके शिक्षकों का ब्योरा एक जुलाई तक मानव संपदा पोर्टल अपडेट किया जाएगा। समायोजन ग्रामीण सेवा संवर्ग से ग्रामीण और नगरीय सेवा संवर्ग से नगरीय सेवा संवर्ग में ही किया जाएगा। यू-डायस पोर्टल पर 31 मार्च 2024 को उपलब्ध छात्र संख्या के आधार पर अध्यापक की आवश्कता वाले स्कूलों को चिह्नित किया जाएगा। साथ ही ऐसे स्कूलों को भी चिह्नित किया जाएगा, जहां आवश्कता से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। जनपद में सेवाकाल के आधार पर सबसे जूनियर टीचर को समायोजन के लिए चिह्नित किया जाएगा।मानक की बात करें तो प्राइमरी स्कूलों में 30 बच्चों पर एक शिक्षक, 45 बच्चों पर दो शिक्षक, 60 बच्चों पर तीन शिक्षक, 75 बच्चों पर चार शिक्षक तथा 90 बच्चों पर पांच शिक्षक के मानक तय किए गए हैं। छात्र संख्या के आधार पर मानव संपदा पोर्टल के माध्यम से शिक्षकों के एक से दूसरे विद्यालय में समायोजन होगा। बीएसए अनूप कुमार ने बताया कि सचिव स्तर से प्राप्त दिशा-निर्देशों का पालन कराया जाएगा।

*दो जुलाई तक स्कूलों को करना है चिह्नित*

बस्ती। अधिक अध्यापक संख्या वाले स्कूलों व अध्यापकों की आवश्कता वाले स्कूलों को चिह्नित करने का कार्य दो जुलाई 2024 तक पूरा किया जाना है। आवश्कता की गणना व वरिष्ठता के आधार पर शिक्षकों को चिह्नित करने का कार्य पांच जुलाई तक पूरा करना होगा। 10 जुलाई तक शिक्षक अपनी आपत्ति दर्ज करा सकेंगे। 13 जुलाई तक आवेदन पत्रों का सत्यापन बीएसए ऑनलाइन पोर्टल पर करेंगे।

*71 फीसदी अभ्यर्थियों ने दी बीएड प्रवेश परीक्षा*

प्रयागराज, कार्यालय संवाददाता।उत्तर प्रदेश राजर्षि टंडन मुक्त विश्वविद्यालय की बीएड एवं बीएड स्पेशल एजुकेशन की प्रवेश परीक्षा शनिवार को प्रदेश के 10 जिलों के 13 परीक्षा केंद्रों पर शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हो गई। प्रवेश परीक्षा आयोजन एवं संचालन समिति के समन्वयक प्रो. पीके स्टालिन ने बताया कि बीएड एवं बीएड विशिष्ट शिक्षा प्रवेश परीक्षा में 71 फीसदी अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। बीएड प्रवेश परीक्षा में 4043 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था जिनमें से 1182 अनुपस्थित रहे, जबकि बीएड विशिष्ट शिक्षा में देशभर से 2000 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया था। इसमें 569 अभ्यर्थी अनुपस्थित रहे। प्रवेश परीक्षा परिणाम शीघ्र ही घोषित किया जाएगा।सभी केंद्रों पर पर्यवेक्षकों एवं कोर कमेटी की तैनाती की गई थी। जिनकी देखरेख में सभी केंद्रों पर पारदर्शिता के साथ परीक्षा संपन्न कराई गई। प्रो. स्टालिन ने बताया कि प्रयागराज में राजकीय इंटर कॉलेज तथा विश्वविद्यालय के सरस्वती परिसर स्थित केंद्रीय पुस्तकालय में प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई। वहीं, अभ्यर्थियों की सहूलियत का ध्यान रखते हुए प्रवेश परीक्षा प्रदेश के आगरा, अयोध्या, बरेली, गोरखपुर, झांसी, कानपुर, लखनऊ, मेरठ, वाराणसी एवं प्रयागराज में आयोजित की गई। विश्वविद्यालय में स्थापित हेल्प डेस्क प्रदेश के सभी परीक्षा केंद्रों से निरंतर परीक्षा के सकुशल संचालन की जानकारी लेता रहा।

*कॉलेजों को समर्थ पोर्टल से जुडना जरूरी, क्रेडिट ट्रांसफर होगा आसान,नैक के लिए तैयारी करने की सलाह दी*

लखनऊ, संवाददाता।लखनऊ विश्वविद्यालय के मालवीय सभागार में संबद्ध कॉलेजों को समर्थ पोर्टल के लिए आंकडा एकीकरण विषय पर अभिविन्यास कार्यक्रम का आयोजन हुआ। मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. आलोक कुमार राय रहे। उन्होंने कहा कि सकारात्मक प्रतिस्पर्धा का एक इकोसिस्टम हमें मिलकर बनाना होगा। जिसमें सूचानाओं और आंकड़ों का महत्व सबसे ज्यादा है। इसके अलावा कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल को और सशक्त बनाया जाएगा। इस मौके पर उन्होंने संबद्ध कॉलेजों को नैक के लिए अच्छी तैयारी करने के लिए कहा। इसके अलावा अन्य रैकिंग की सलाह दी। अधिष्ठाता अकादमिक प्रो. गीतांजलि मिश्रा ने बताया कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सफल कार्यान्वयन के लिए सभी कॉलेजों को समर्थ पोर्टल से अनिवार्य रूप से जुड़ना होगा। इससे क्रेडिट ट्रांसफर की प्रक्रिया आसान हो जाएगी।समर्थ के असिस्टेंट नोडल ऑफिसर डॉ. नागेन्द्र कुमार मौर्या ने अपने विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। उन्होंने कॉलेजों को समर्थ पोर्टल पर पंजीकरण के बारे में बताया। कुलसचिव डॉ. विनोद कुमार सिंह ने समर्थ पोर्टल की जरूरत और इसके कार्यान्वयन के बारे में विस्तार से जानकारी दी। इस मौके पर महाविद्यालयों के प्रबंधकों और प्राचार्यों ने कई सवाल भी किए। समर्थ के असिस्टेंट नोडल ऑफिसर ने सवालों के जवाब दिए। अभिविन्यास कार्यक्रम में प्रो. मुकुल श्रीवास्तव, डीन सीडीसी प्रो. अवधेश त्रिपाठी, प्रति कुलपति प्रो. मनुका खन्ना और परीक्षा नियंत्रक विद्यानंद त्रिपाठी उपस्थित रहे।

*पुरानी पेंशन मेरा हक, करते रहेंगे प्रयास: शिवगोपाल*

लखनऊ। वरिष्ठ संवाददाता प्रधानमंत्री को पुरानी पेंशन बहाल करने के लिये पत्र लिखा है, हमें आशा है वो कर्मचारियों की पीड़ा को समझेंगे और हमें पुरानी पेंशन जो हमारा हक है हमें देंगे, इसके लिये हम निरंतर प्रयास करते रहेंगे। उक्त बातें शनिवार को एनई रेलवे मजदूर यूनियन की ऐशबाग मनोरंजन केंद्र में आयोजित केंद्रीय बैठक में ऑल इंडिया मेंस फेडरेशन के महामंत्री शिवगोपाल मिश्रा ने कहीं।उन्होंने कर्मचारियों को आश्वासन दिया की जहां ट्रेन मैनेजर, लोको पायलट, मास्टर क्राफ्ट मैन को 4200 ग्रेड पर लाकर उनका प्रमोशन रोक दिया जाता है, लेकिन बहुत जल्द इसको बढ़वाकर 4600 ग्रेड से लेकर 4800 ग्रेड तक प्रमोशन कराने का कार्य ऑल इंडिया मेंस फेडरेशन करेगी। बैठक की अध्यक्षता मंडल मंत्री आरएन गर्ग ने की। मुख्य अथिति के तौर पर पूर्वांतर रेलवे के डीआरएम आदित्य कुमार, एनई रेलवे मजदूर यूनियन के महामंत्री केएल गुप्ता और केंद्रीय अध्यक्ष बसंत चतुर्वेदी मौजूद रहे। कार्यक्रम में उपस्थित ट्रेन मैनेजर, लोको पायलट एवं मास्टर क्राफ्ट मैन की लंबित मांगों पर संज्ञान डीआरएम को सौंपा गया। इस दौरान सहायक महामंत्री ओंकार सिंह, कोषाध्यक्ष विनय श्रीवास्तव, सफदर हुसैन, मिडिया प्रभारी मोहम्मद नसीम अहमद समेत सैकड़ों लोग उपस्थित रहे।

*जेएनयू देश का शीर्ष केंद्रीय विश्वविद्यालय* 

नई दिल्ली, हिन्दुस्तान ब्यूरो। इंडियन इंस्टीट्यूशनल रैंकिंग फ्रेमवर्क (आईआईआरएफ) ने देश के शीर्ष केंद्रीय विश्वविद्यालयों की रैंकिंग जारी की है। इसमें जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) को पहला स्थान मिला है, जबकि दिल्ली विश्वविद्यालय दूसरे स्थान पर है।जेएनयू को 2024 में नंबर एक केंद्रीय विश्वविद्यालय का दर्जा दिया गया है। विश्वविद्यालय ने प्लेसमेंट परफॉर्मेंस , टीचिंग लर्निंग रिसोर्सेज एंड पेडागॉजी (टीएलआरपी) और अन्य श्रेणियों में सबसे ज्यादा 989.28 अंक हासिल किए हैं। आईआईआरएफ ने यूजीसी के अनुसार भारत में विश्वविद्यालयों को केंद्र सरकार के विश्वविद्यालयों, राज्य सरकार के विश्वविद्यालयों, डीम्ड विश्वविद्यालयों और राज्य निजी विश्वविद्यालयों में विभाजित किया है।

*उत्तर प्रदेश के दो, बिहार की एक यूनिवर्सिटी शामिल :*

सूची में उत्तर प्रदेश स्थित बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय क्रमश: तीसरे और पांच स्थान पर हैं। बनारस हिंदू विश्वविद्यालय को सात आधारों पर 986.73 अंक मिले हैं, जबकि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय ने 983.24 अंक हासिल किए हैं। सूची में सातवां स्थान कायम करने वाले बिहार स्थित डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय को 981.96 अंक प्राप्त हुए हैं।

*शीर्ष 10 संस्थान*

● जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय

● दिल्ली विश्वविद्यालय

● बनारस हिंदू विश्वविद्यालय

● जामिया मिल्लिया इस्लामिया

● अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय

● यूनिवर्सिटी ऑफ हैदराबाद

● डॉ. राजेंद्र प्रसाद केंद्रीय कृषि विश्वविद्यालय

● पांडिचेरी विश्वविद्यालय

● पंजाब केंद्रीय विश्वविद्यालय

● राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय

*इस आधार पर तय होती है रैंकिंग*

1. प्लेसमेंट परफॉरमेंस

2. टीचिंग लर्निंग रिसोर्सेस एन्ड पेडागॉजी

3. रिसर्च

4. इंडस्ट्री इनकम एन्ड इंट्रीगेशन

5. प्लेसमेंट स्ट्रेटेजी एन्ड सपोर्ट

6. फ्यूचर ओरिएंटेशन

7. एक्सटर्नल परसेप्शन एन्ड इंटरनेशनल 

*चेतावनी: यूपी में आज और कल भारी बारिश के आसार* 

लखनऊ। मौसम विभाग ने रविवार और सोमवार को प्रदेश के कई जिलों में बहुत भारी बारिश की चेतावनी जारी की है। इस दरम्यान राज्य में गरज-चमक के साथ बिजली गिरने की भी आशंका जतायी गयी है। वहीं बीते 24 घंटों में प्रदेश के विभिन्न अंचलों मे आकाशीय बिजली, पेड़ और दीवार ढहने से नौ लोगों की मौत हो गई।बिजली गिरने से कुशीनगर में दो,गोण्डा, देवरिया, उन्नाव और सिद्धार्थनगर में एक-एक मौत दर्ज की गई। वहीं पेड़ और दीवार ढहने से सीतापुर, बाराबंकी व रायबरेली में एक-एक मौत हो गई। प्रदेश में 17 सेण्टीमीटर बारिश औरैया में दर्ज की गयी।

*एसएससी : 50 फीसदी से ज्यादा ने दी परीक्षा* 

प्रयागराज। कर्मचारी चयन आयोग की केंद्रीय सशस्त्रत्त् पुलिस बल (सीएपीएफ) और दिल्ली पुलिस में सब इंस्पेक्टर पद पर भर्ती परीक्षा शनिवार को संपन्न हुई। यूपी व बिहार के 15 जिलों में 68 परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की गई। इसमें 190924 में से 100034 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। यानी 52.39 फीसदी अभ्यर्थियों ने उपस्थिति दर्ज कराई। उत्तर प्रदेश में 143350 में से 72653 ने परीक्षा दी, यानी 50.68 उपस्थित रहे। बिहार में 47574 में से 27381 ने परीक्षा दी। प्रयागराज की बात करें तो 19949 में से 11669 ने परीक्षा दी। यहां की 58.49 फीसदी उपस्थिति रही।

*गैरशैक्षणिक भर्ती के लिए परीक्षा शुरू* 

प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय में गैरशैक्षणिक कर्मचारियों की 25 विधाओं में 313 पदों पर भर्ती के लिए शनिवार को परीक्षा का आगाज हुआ। पहले मल्टी टास्किंग स्टाफ (एमटीएस) के लिए शहर के 17 केंद्रों पर सकुशल परीक्षा हुई। रविवार को भी शहर के अलग-अलग केंद्रों पर परीक्षा आयोजित की जाएगी। इसमें जूनियर आफिस असिस्टेंट, प्रयोगशाला सहायक, लाइब्रेरी अटेंडेंट के लिए कुल 11 हजार अभ्यर्थियों ने आवेदन किया है।

*शिक्षा मित्र सपा अध्यक्ष से मिले* 

लखनऊ। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षामित्र संघ के प्रदेश महामंत्री सुशील यादव के नेतृत्व में एक प्रतिनिधिमण्डल ने शनिवार को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलकर शिक्षामित्रों की समस्याओं को लोकसभा के सदन में उठाने की मांग की है। प्रतिनिधिमण्डल ने अखिलेश यादव को एक ज्ञापन सौपा। शिक्षामित्र संघ ने अखिलेश यादव से लोकसभा में शिक्षामित्रों की समस्याएं उठाने का आग्रह किया।

*एनडीआरएफ कर्मियों के लिए 40 प्रतिशत जोखिम भत्ते को मंजूरी*

नई दिल्ली, एजेंसी। केंद्र सरकार ने राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) बचावकर्मियों द्वारा पूरे किए जाने वाले कठिन अभियानों को ध्यान में रखते हुए उनके लिए 40 प्रतिशत जोखिम और कठिनाई भत्ते को मंजूरी दी है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को इसकी घोषणा की।शाह ने एनडीआरएफ के 35 सदस्यीय अभियान दल का स्वागत करते हुए यह बात कही। इस दल ने हाल में हिमाचल प्रदेश में 21,625 फीट ऊंची मणिरंग चोटी पर चढ़ाई की थी। मणिरंग चोटी हिमाचल प्रदेश के किन्नौर और स्पीति जिलों की सीमा पर स्थित है। शाह ने विजय नामक अभियान दल का स्वागत करने के बाद कहा, सरकार ने कल ही एनडीआरएफ कर्मियों के लिए 40 प्रतिशत जोखिम और कठिनाई भत्ते को मंजूरी दी है। यह लंबे समय से लंबित मांग थी। बल के सभी 16,000 कर्मियों को इसका लाभ मिलेगा। अधिकारियों ने बताया कि यह भत्ता वेतन के अतिरिक्त दिया जाएगा।

शाह ने कहा कि सरकार ने विभिन्न सीएपीएफ और एनडीआरएफ जैसे विशेष संगठनों के लिए खेलों को जरूरी बनाने का भी निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय लिया गया है कि इन सुरक्षा बलों की कम से कम एक टीम अनिवार्य रूप से अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय टूर्नामेंट में भाग लेगी। मंत्री ने कहा, खुफिया ब्यूरो के निदेशक की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है और एक खाका तैयार किया गया है। हम जल्द एक नया मॉडल पेश करेंगे। उन्होंने सफल अभियान के लिए एनडीआरएफ टीम की सराहना करते हुए कहा कि इस तरह की कवायद से बल की क्षमता और मनोबल बढ़ेगा। साथ ही, आपदाओं और दुर्घटनाओं के दौरान वे बेहतर कार्य कर सकेंगे।

*18 वर्ष से कम आयु के विद्यार्थियों को नहीं मिलेगा पेट्रोल-डीजल*

लखनऊ : प्रदेश में 18 वर्ष से कम आयु के विद्यार्थियों को दोपहिया व चार पहिया वाहन चलाने से रोक लगाने के लिए और सख्ती की जाएगी। बढ़ती दुर्घटनाओं को देखते हुए अब एक जुलाई से पेट्रोल पंप पर नाबालिग को डीजल या पेट्रोल नहीं देने के निर्देश हैं। पेट्रोल पंप से ही इसकी निगरानी रहेगी और नोटिस भी चस्पा होगा। राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की सदस्य डा. शुचिता चतुर्वेदी ने माध्यमिक और बेसिक शिक्षा निदेशक, पुलिस महानिदेशक, खाद्य रसद विभाग के आयुक्त, परिवहन आयुक्त व अपर पुलिस महानिरीक्षक को दिशा निर्देश जारी किया है।18 वर्ष से कम आयु के छात्र-छात्राओं के यातायात नियमों का उल्लंघन करते हुए बगैर ड्राइविंग लाइसेंस के वाहन चलाने से होने वाली दुर्घटनाओं को लेकर चिंता जताई गई है। आयोग ने इसे लेकर सभी विभागों के साथ छह जून को बैठक की थी। उस बैठक में यातायात, पुलिस, शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने विचार-विमर्श के बाद यातायात सुरक्षा को लेकर अभियान चलाने के लिए सहमति बनी। नाबालिग को स्कूटी, दोपहिया व चार पहिया वाहन चलाने के रोकने के लिए ट्रैफिक पुलिस नियमित अभियान चलाएगी। आयोग ने खाद्य व रसद विभाग को निर्देश दिया है कि जिला पूर्ति अधिकारी के माध्यम से पेट्रोल पंप पर यह सुनिश्चित कराएं कि कोई भी पंप नाबालिग को डीजल या पेट्रोल न दें।

*सरकारी स्कूलों में मनाया जाएगा बच्चों का जन्मोत्सव*

प्रयागराज परिषदीय स्कूलों में शिक्षण व्यवस्था दुरुस्त करने के साथ बच्चों का पंजीयन व उपस्थिति बढ़ाने पर जोर है। शिक्षक नियमित रूप से अभिभावकों से संवाद कर रहे हैं। माह में एक बार होने वाली बैठक में भी उन्हें बुलाया जा रहा है। बच्चों का विद्यालय से जुड़ाव बढ़ाने के लिए अब उनका जन्मदिन भी मनाया जाएगा। यह आयोजन प्रत्येक माह के अंतिम शनिवार को होगा। उस दिन उस माह में जन्म लेने वाले सभी बच्चों का जन्मोत्सव मनाया जाएगा। बच्चों के माता-पिता को भी आमंत्रित किया जाएगा। यह उपक्रम बच्चों की स्कूल में उपस्थिति बढ़ाने के लिए किया जा रहा है। इसके तहत ग्रीष्मावकाश तथा शीतकालीन अवकाश में घर पर सीखने की क्षमता बढ़ाने के लिए भी बच्चों को गृह कार्य दिए जाएंगे। आवश्यकता के अनुसार प्रोजेक्ट कार्य भी कराने होंगे।बीएसए प्रवीण कुमार तिवारी के अनुसार बच्चों की नियमित उपस्थिति स्कूलों में बढ़ने पर ही शैक्षिक सतर बढ़ेगा। निजी स्कूलों की तरह प्रत्येक विद्यालय वार्षिक उत्सव, बच्चों का जन्मदिन मनाने के साथ पुरा छात्रों को भी स्कूलों से जोड़ने का प्रयास किया जाएगा। नए सत्र में अभिभावक शिक्षक बैठक में नियमित उपस्थित होने वाले बच्चों के अभिभावकों की विशेष रूप से सराहना की जाए तथा कम उपस्थिति वाले बच्चों के अभिभावकों का विशेष ध्यान आकर्षित करते हुए बच्चों को प्रतिदिन विद्यालय आने के लिए प्रेरित किया जाना चाहिए। इसके अतिरिक्त शिक्षा चौपाल के दौरान विद्यालय में कार्यरत उत्कृष्ट योग्यताधारी शिक्षकों, शैक्षणिक रणनीति, समय सारिणी, संदर्शिका, टीएलएम, पुस्तकालय, प्रिंट रिच सामग्री, बिग बुक्स, गणित एवं विज्ञान किट, आकलन के तरीके, रिपोर्ट कार्ड तथा खेलकूद सामग्री आदि का प्रदर्शन करते हुए अभिभावकों एवं जन समुदाय को जागरूक किया जाएगा। खंड शिक्षा अधिकारी के नेतृत्व में प्रत्येक माह विकासखंड के तीन ग्रामों में शिक्षा चौपाल के आयोजन किए जाएंगे।

*टीजीटी-पीजीटी-2021 के रिक्त पदों पर मांगा काउंसिलिंग कार्यक्रम*

प्रयागराज : उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड की प्रशिक्षित स्नातक शिक्षक (टीजीटी) एवं प्रवक्ता संवर्ग (पीजीटी) भर्ती 2021 के रिक्त पदों पर दूसरी काउंसिलिंग के कार्यक्रम की मांग की गई है। इस भर्ती के प्रतीक्षा सूची के चयनितों ने यह मांग की है।शिक्षा निदेशालय इस भर्ती के रिक्त पदों के सापेक्ष एक काउंसिलिंग करा चुका है। शिक्षा निदेशालय इसके बाद भी रिक्त रह गए पदों के विवरण मंगा चुका है। कुछ मंडलों ने विवरण कई बार मांगने के बावजूद उपलब्ध नहीं कराए। प्रतीक्षा सूची के चयनितों का कहना है कि पिछले 11 महीने से काउंसिलिंग लंबित है। काउंसिलिंग की मांग को लेकर अभ्यर्थियों ने 24 जून को लखनऊ में धरना दिया था। अभ्यर्थियों ने निदेशक महेंद्र देव को इस संबंध में प्रमुख सचिव दीपक कुमार के सर्कुलर से भी अवगत कराया। इसके बाद अपर निदेशक सुरेंद्र कुमार तिवारी से मिलकर उच्च न्यायालय में टीजीटी हिंदी 2021 की लंबित याचिका को छोड़कर अन्य विषयों में रिक्त पदों के सापेक्ष काउंसलिंग की मांग की।

*अंत: जनपदीय स्थानांतरण से बढ़ेगा मार्च के छात्र अनुपात पर संकट*

प्रयागराज : बेसिक शिक्षा परिषद के शिक्षक एवं शिक्षिकाओं के अंतःजनपदीय स्थानांतरण एवं समायोजन के लिए तैयारी कर ली गई है।इसके लिए परिषद सचिव सुरेन्द्र कुमार तिवारी ने समय सारिणी जारी कर दी है, लेकिन इसी के साथ शिक्षकों ने इसका विरोध शुरू कर दिया है। कहा है कि मार्च तक के नामांकन के आधार पर स्थानांतरण/ समायोजन किए जाने से विषमता और बढ़ जाएगी, क्योंकि 30 मार्च के बाद विद्यालयों में नामांकन बढ़ गए हैं। इस तरह अधिक छात्र संख्या के बजाय पुराने नामांकन के आधार पर स्थानांतरण किए जाने से अधिक संख्या वाले विद्यालयों में शिक्षकों की कमी हो जाएगी। इसके अलावा नगर पालिका के सीमा विस्तार वाले क्षेत्र के विद्यालयों को नगर क्षेत्र में शामिल कर लिया जाता तो बहुत शिक्षक समायोजन से बच जाते। इसके अलावा कई और बिंदुओं पर भी विरोध है।स्थानांतरण के लिए जारी निर्देश में परिषद सचिव ने कहा है कि छात्र अनुपात में अधिक अध्यापक वाले विद्यालयों से आवश्यकता वाले विद्यालयों में स्थानांतरण किए जाएंगे। इसके लिए मार्च माह तक हुए छात्र नामांकन को आधार माना गया है। उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने शिक्षकों की मांग के अनुसार पूर्व की तरह 30 सितंबर 2024 तक होने वाले नामांकन के आधार पर छात्र-शिक्षक अनुपात तय करने को कहा है। इससे छात्र संख्या के अनुपात में विद्यालय को शिक्षक मिल सकेंगे। इससे पठन-पाठन सुचारु चल सकेगा। चूंकि समायोजन में जूनियर शिक्षक प्रभावित होंगे, इसलिए मांग की गई है कि वरिष्ठ शिक्षकों का समायोजन हो, क्योंकि जूनियर का ही समायोजन होता रहा तो वह जहां जाएंगे, जूनियर ही रहेंगे। हर जगह छात्र संख्या कम होने पर जूनियर को ही हटाया जाता रहेगा।
तारीख़ पर तारीख़ का दौर ख़त्म… देश, 1872 व् 1860 में अंग्रेजों द्वारा बनाये क़ानून से मुक्त हुआ… 

आज से भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता, भारतीय साक्ष्य अधिनियम लागू

▫️FIR दर्ज करने से लेकर फैसला सुनाने तक समय सीमा तय।

▫️इलेक्ट्रानिक साक्ष्य अब कानून का हिस्सा होंगे।

▫️देश में पहली बार आतंकवाद परिभाषित हुआ।

▫️राजद्रोह की जगह देशद्रोह को बना अपराध।

▫️माब लिंचिंग हुई तो आजीवन कारावास या मौत की सजा।

▫️पीड़ित कहीं भी दर्ज करा सकेंगे FIR, जांच की डेवलपमेंट रिपोर्ट भी मिलेगी।

▫️तलाशी और जब्ती में आडियो वीडियो रिकार्डिंग अनिवार्य।

▫️स्टेट गवर्मेंट एकतरफां केस वापस नहीं ले सकेगी, पीड़ित का पक्ष सुना जाएगा।

▫️FIR, केस डायरी, चार्जशीट और जजमेंट सभी डिजिटल होंगे।

▫️शिकायत मिलने के 3 दिन में दर्ज करनी होगी FIR।

▫️3 से 7 साल की सजा में 14 दिन में जांच पूरी करनी होगी।

▫️छोटे अपराधों में जल्द निपटारे के लिए “समरी ट्रायल” (छोटी प्रक्रिया में निपटारा) का प्रविधान

▫️35 जगह टाइमलाइन जोड़ी गई है, आपराधिक ट्रायल तेज़ होगा।

▫️ट्रायल पूरा होने के बाद अदालत को 30 दिन में फ़ैसला देना होगा।

और ये बदलाव भी मोदी ने रविवारही किया है…

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