विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास तथा 68वीं राष्ट्रीय विद्यालयी खेलां के
स्वर्ण पदक विजेताओं को ‘मुख्यमंत्री विद्यालयी खेल पुरस्कार’ का वितरण
स्वर्ण पदक विजेताओं को ‘मुख्यमंत्री विद्यालयी खेल पुरस्कार’ का वितरण
माध्यमिक विद्यालयों में ड्रीम लैब की स्थापना हेतु माध्यमिक शिक्षा विभाग तथा
टाटा नेल्को एवं जापानी कंपनी यास्कावा के मध्य एम0ओ0यू0 का आदान-प्रदान
टाटा नेल्को एवं जापानी कंपनी यास्कावा के मध्य एम0ओ0यू0 का आदान-प्रदान
शिक्षा को संस्कारों, तकनीक और खेल से जोड़ना आज की
आवश्यकता, शिक्षा सर्वांगीण विकास का माध्यम होनी चाहिए, इसी
उद्देश्य से प्रधानमंत्री जी ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया : मुख्यमंत्री
विगत 08 वर्षों में हम प्रदेश की माध्यमिक और
स्कूली शिक्षा की तकदीर व तस्वीर को बदलने में सफल हुए
इस वर्ष उ0प्र0 माध्यमिक शिक्षा परिषद की परिक्षाओं में बालिकाओं की
अपेक्षा बालक ज्यादा शामिल हुए, लेकिन परिणाम में बालिकाएं ज्यादा
प्रदेश की मेरिट सूची में स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को
01 लाख रु0 नकद, टैबलेट, मेडल तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किये जा रहे
68वीं राष्ट्रीय विद्यालयी खेल प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ियों
को 75 हजार रु0, रजत पदक प्राप्त करने पर 50 हजार रु0 तथा कांस्य पदक
प्राप्त करने पर 30 हजार रु0 प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान किये जा रहे
उ0प्र0 माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद और संस्कृत शिक्षा
निदेशालय के नए भवन की आधारशिला रखी गई
श्री काशीराज राजकीय संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चकिया
चन्दौली तथा श्री काशीराज राजकीय संस्कृत महाविद्यालय, ज्ञानपुर,
भदोही में 100-100 बेड के छात्रावास व नवीन भवन कार्यों का शिलान्यास
प्रोजेक्ट अलंकार के तहत बड़ी संख्या में निजी प्रबंधन के द्वारा
संचालित व सरकार से सहायता प्राप्त विद्यालयों का पुनरुद्धार हुआ
संस्कृत विद्यालयों के जर्जर भवनों के लिए सरकार ने व्यवस्था की,
निजी प्रबन्धन 05 प्रतिशत धनराशि देते हैं और 95 प्रतिशत धनराशि
सरकार देती, यह सरकार के स्तर पर एक नया इनीशिएटिव
आगामी 15 जून को 60,244 नवनियुक्त पुलिस कार्मिकों को नियुक्ति पत्र वितरण
का कार्यक्रम आयोजित होने जा रहा, इनमें 12 हजार से अधिक बेटियां
लखनऊ : 12 जून, 2025
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने कहा कि शिक्षा को संस्कारों, तकनीक और खेल से जोड़ना आज की आवश्यकता है। शिक्षा सर्वांगीण विकास का माध्यम होनी चाहिए। इसी उद्देश्य से प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने वर्ष 2020 में राष्ट्रीय शिक्षा नीति को लागू किया था। इसके अच्छे परिणाम सामने आने वाले हैं। विगत 08 वर्षों में हम प्रदेश की माध्यमिक और स्कूली शिक्षा की तकदीर व तस्वीर को बदलने में सफल हुए हैं।
मुख्यमंत्री जी आज यहां लोक भवन में विभिन्न बोर्डों के मेधावी छात्र-छात्राओं का सम्मान करने के उपरान्त इस अवसर पर आयोजित ‘मेधावी विद्यार्थी सम्मान समारोह’ को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने लगभग 122 करोड़ रुपये लागत की विभिन्न परियोजनाओं का शिलान्यास किया। उन्होंने 68वीं राष्ट्रीय विद्यालयी खेलां के स्वर्ण पदक विजेताओं को ‘मुख्यमंत्री विद्यालयी खेल पुरस्कार’ का वितरण किया। मुख्यमंत्री जी के समक्ष माध्यमिक विद्यालयों में ड्रीम लैब की स्थापना हेतु माध्यमिक शिक्षा विभाग तथा टाटा नेल्को एवं जापानी कंपनी यास्कावा के मध्य एम0ओ0यू0 का आदान-प्रदान किया गया। कार्यक्रम में प्रोजेक्ट अलंकार, विद्यालय खेलों में उत्तर प्रदेश के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन तथा ड्रीम प्रोजेक्ट पर आधारित लघु फिल्मों का प्रदर्शन किया गया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि परीक्षा छात्रों के आकलन का माध्यम होनी चाहिए। परीक्षा पद्धति ऐसी होनी चाहिए, जो छात्रों में प्रतिस्पर्धा का भाव विकसित करे तथा उनमें चुनौतियों से जूझने की क्षमता उत्पन्न करे। इसके लिए सभी छात्र-छात्राओं को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की पुस्तक ‘एग्जाम वारियर’ का अध्ययन करना चाहिए। बच्चे इस पुस्तक को पढें और प्रधानमंत्री जी की महत्वपूर्ण बातों को अंगीकार करें, तो अनेक चुनौतियां आसान हो जाएगी। माध्यमिक शिक्षा परिषद हर वर्ष मेरीटोरियस छात्रों को यह पुस्तक उपलब्ध कराए। यह पुस्तक प्रत्येक विद्यालय की लाइब्रेरी में होनी चाहिए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग द्वारा आज विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया गया है। इनमें उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद, केन्द्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड व काउन्सिल फॉर द इण्डियन स्कूल सर्टीफिकेट इक्जामिनेशन्स के मेरिटोरियस छात्रों का सम्मान किया जा रहा है। जनपद स्तर पर मेरिट में स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को भी सम्बन्धित जनपदों में सम्मानित किया जा रहा है। साथ ही, 68वें राष्ट्रीय विद्यालयी खेलों में स्वर्ण पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं का यहां तथा रजत पदक व कांस्य पदक प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को सम्बन्धित जनपदों में सम्मानित किया जा रहा है। मुख्यमंत्री जी ने सभी सम्मानित होने वाले छात्र-छात्राओं, खिलाड़ियों और उनके अभिभावकों सहित उन अधिकारियों को बधाई दी, जिन्होंने निष्पक्ष एवं पारदर्शी परीक्षा प्रणाली के माध्यम से एक स्वस्थ प्रतिस्पर्धा को आगे बढ़ाया। जिसके परिणामस्वरूप छात्रों ने अपने आप को साबित किया।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि इस वर्ष उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद के परिणाम बहुत चौंकाने वाले हैं। हाईस्कूल की परीक्षा में इस वर्ष प्रदेश में 27 लाख 32 हजार विद्यार्थी सम्मिलित हुए थे। इनमें से 12 लाख 82 हजार से अधिक बालिकाएं तथा 14 लाख 49 हजार से अधिक बालक थे। इसी प्रकार इण्टरमीडिएट की परीक्षा में प्रदेश में कुल 27 लाख 05 हजार छात्र-छात्राएं सम्मिलित हुए, जिनमें से 12 लाख 46 हजार से अधिक बालिकाएं और 14 लाख 58 हजार बालक थे। यह संख्या बताती है कि बालिकाओं की अपेक्षा परीक्षा में बालक ज्यादा शामिल हुए हैं। लेकिन परिणाम में बालिकाएं ज्यादा है। हाईस्कूल के रिजल्ट में बालिकाओं का प्रतिशत 93.87 तथा बालकों का 86.66 प्रतिशत रहा है। मेरिट में भी बालिकाओं की संख्या अधिक है।
इण्टरमीडिएट की परीक्षा में बालिकाओं के पास होने का प्रतिशत 86.37 तथा बालकों का 76.60 प्रतिशत है। परिणाम दर्शाते हैं की बालिकाएं ज्यादा मेहनत करती हैं। उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की प्रदेश सूची में हाईस्कूल की परीक्षा में टॉप 10 रैंक में 24 बालक तथा 43 बालिकाएं है। इण्टरमीडिएट की परीक्षा में 06 बालक तथा 24 बालिकाएं मेरिट में आई हैं। प्रदेश की मेरिट सूची में स्थान प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को 01 लाख रुपये नकद, टैबलेट, मेडल तथा प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया है। जनपद स्तर पर सर्वोच्च स्थान प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को 21 हजार रुपये, टैबलेट, प्रशस्ति पत्र तथा मेडल प्रदान किये जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा के 68वीं राष्ट्रीय विद्यालयी खेल प्रतियोगिता में हमारे छात्रों ने अच्छा प्रदर्शन किया है। यह खेल देश के अलग-अलग भागों में तथा प्रदेश के तीन स्थानों आयोजित हुए थे। प्रधानमंत्री जी के खेलो इण्डिया व फिट इण्डिया मूवमेण्ट से प्रेरित होकर प्रदेश के युवाओं ने इन खेलों में अच्छा प्रदर्शन किया है। इस खेल प्रतियोगिता में उत्तर प्रदेश के 363 खिलाड़ी छात्र-छात्राओं ने प्रतिभाग किया था, जिन्होंने कुल 179 पदक प्राप्त किए। इनमें 51 स्वर्ण, 46 रजत तथा 82 कांस्य पदक शामिल है। कुल 87 खिलाड़ियों ने एकल व टीम गेम्स में प्रतिभाग़ किया और 51 स्वर्ण पदक प्रदेश को दिलाए।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रदेश में जिन खिलाड़ियों ने राष्ट्रीय विद्यालय खेल प्रतियोगिता में स्थान प्राप्त किया है, उन्हें भी सम्मानित करने का कार्य यहां हो रहा है। इसके अन्तर्गत स्वर्ण पदक विजेता खिलाड़ियों को 75 हजार रुपये, रजत पदक प्राप्त करने पर 50 हजार रुपये तथा कांस्य पदक प्राप्त करने पर 30 हजार रुपये प्रदेश सरकार की ओर से प्रोत्साहन स्वरूप प्रदान किये जा रहे हैं। टीम गेम्स में स्वर्ण पदक पर 35 हजार रुपये, रजत पदक पर 25 हजार रुपये तथा कांस्य पदक पर 15 हजार रुपये की धनराशि प्रोत्साहन स्वरूप दी जा रही है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आज यहां उत्तर प्रदेश माध्यमिक संस्कृत शिक्षा परिषद और संस्कृत शिक्षा निदेशालय के नए भवन की आधारशिला भी रखी गई है। वर्ष 2001 में माध्यमिक शिक्षा संस्कृत परिषद का गठन हुआ था। विगत 24 वर्षों में इसके पास अपना भवन नहीं था। इस भवन के निर्माण पर 42 करोड़ 42 लाख 20 हजार रुपये व्यय होंगे। जिसमें लाइब्रेरी भी होगी। यहां संस्कृत से जुड़ी रोचक जानकारियां दी जाएगी तथा प्रशिक्षण व सम्भाषण आदि आयोजित किए जाएंगे। इसके साथ ही, लखनऊ में जगत नारायण रोड पर राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज के नए भवन का निर्माण किया जाएगा। यह कार्य प्रोजेक्ट अलंकार के तहत होगा। इसके लिए 48 करोड़ 92 लाख 80 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। इसका शिलान्यास आज यहां हुआ है। राजकीय बालिका इण्टर कॉलेज, मलिहाबाद के नए भवन के लिए 10 करोड़ 36 लाख रुपये उपलब्ध कराए जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि संस्कृत को प्रोत्साहित किए जाने की आवश्यकता है। यह भारतीय संस्कृति की आत्मा और आधारशिला दोनों है। इसके दृष्टिगत श्री काशीराज राजकीय संस्कृत उच्चतर माध्यमिक विद्यालय, चकिया चन्दौली में 100 बेड के छात्रावास तथा नवीन भवन के निर्माण हेतु 10 करोड़ 31 लाख रुपये तथा श्री काशीराज राजकीय संस्कृत महाविद्यालय, ज्ञानपुर, भदोही में 100 बेड के छात्रावास व नवीन भवन के लिए 09 करोड़ 65 लाख 60 हजार रुपये की धनराशि स्वीकृत की गई है। इन कार्यों का भी यहां शिलान्यास किया गया है। यह संस्कृत भाषा के उन्नयन तथा उत्थान के लिए राज्य सरकार द्वारा अपनी ऋषि संस्कृति के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का एक प्रयास है। राज्य सरकार ने पूर्व में ही, संस्कृत का अध्ययन करने वाले कक्षा-6 से लेकर आचार्य व पी0एच0डी0 की शिक्षा प्राप्त करने वाले प्रत्येक छात्र-छात्रा के लिए स्कॉलरशिप की अनिवार्य व्यवस्था की है। वर्तमान में संस्कृत की मान्यता उन्हीं संस्थाओं को दी जा रही है, जो विद्यार्थियों के रहने व खाने की व्यवस्था करते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि प्रोजेक्ट अलंकार के तहत निजी प्रबंधन के द्वारा संचालित व सरकार से सहायता प्राप्त संस्थाओं के जर्जर भवनों के नवीन निर्माण के लिए 75 प्रतिशत धनराशि सरकार देती है तथा 25 प्रतिशत धनराशि निजी प्रबन्धन अपने स्रोत से जुटाते हैं। बड़ी संख्या में इसके अन्तर्गत विद्यालयों का पुनरुद्धार हुआ है। प्रदेश के संस्कृत विद्यालयों के जर्जर भवनों के लिए भी सरकार ने व्यवस्था की है। इसके तहत निजी प्रबन्धन 05 प्रतिशत धनराशि देते हैं और 95 प्रतिशत धनराशि सरकार देती है। यहां भी नए भवन, डिजिटल लाइब्रेरी का निर्माण होना चाहिए तथा स्मार्ट क्लासेस चलनी चाहिए, जिससे संस्कृत पढ़ने वाले बच्चों को भी वर्तमान डिजिटल युग में डिजिटल क्रान्ति से लाभान्वित किया जा सके। यह सरकार के स्तर पर एक नया इनीशिएटिव है, जिसे आगे बढ़ाया जा रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि माध्यमिक शिक्षा विभाग तथा टाटा नेल्को व जापानी कम्पनी यास्कावा के साथ एक एम0ओ0यू0 किया गया है, जिसके अन्तर्गत पहले चरण में माध्यमिक शिक्षा से जुड़े सरकारी कॉलेजों को लिया गया है। इसके अन्तर्गत हम परम्परागत शिक्षा के साथ-साथ स्किल डेवलपमेंट के कार्यक्रमों को भी विद्यार्थियों को सिखा सकेगें। यह विद्यार्थियों में स्केल के साथ स्किल के विकास में सहायक होगा। ड्रीम लैब (डिजाइन रोबोटिक्स, इलेक्ट्रॉनिक्स एण्ड एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग) की स्थापना का यह कार्यक्रम लगभग 162 करोड़ 72 लाख रुपये की लागत से संचालित किया जाएगा, जिसमें समग्र शिक्षा द्वारा 77 करोड़ रुपये की धनराशि वहन की जाएगी। इससे बच्चों को आधुनिक तकनीक का ज्ञान देने के साथ-साथ उनके स्किल डेवलपमेण्ट में भी सहायता मिलेगी।
ड्रीम योजना हब एण्ड स्पोक मॉडल पर आधारित होगी। इसके अन्तर्गत एक संस्थान में लैब स्थापित होगी, जिससे तीन संस्थान जुड़ेंगे। यह ऑनलाइन या फिजिकल माध्यम से प्रशिक्षण लेंगे। यह योजना उत्तर प्रदेश के नौजवानों को आगे बढ़ाने की लिए एक प्रेरणा है। तकनीकी की जानकारी और प्रशिक्षण प्राप्त करते हुए यह छात्र आने वाले समय में प्रधानमंत्री जी के विकसित भारत अभियान का हिस्सा बन सकेंगे। यह एक अभिनव प्रयोग है। द्वितीय चरण में ड्रीम कार्यक्रम को स्ववित्तपोषित संस्थानों में भी लागू किया जाएगा। इस कार्यक्रम को पी0पी0पी0 मोड पर भी आगे बढ़ाया जा सकता है। ड्रीम कार्यक्रम प्रदेश के लगभग 01 करोड़ 20 लाख हाईस्कूल व इण्टरमीडिएट के छात्रों के तकनीकी उन्नयन की दृष्टि से अत्यन्त लाभदायक होगा।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि वर्ष 2017 के पूर्व प्रदेश में बेसिक शिक्षा लगभग बन्दी की ओर जा रही थी, छात्र संख्या में लगातार गिरावट आ रही थी। माध्यमिक शिक्षा नकल का अड्डा बन गई थी। यहां नकल के नाम पर एक नया व्यवसाय प्रारम्भ हो गया था। उत्तर प्रदेश में निवेश नहीं हो रहा था, क्योंकि कानून व्यवस्था खराब थी। प्रदेश में ट्रांसफर-पोस्टिंग पैसे लेकर किए जाते थे। डबल इंजन सरकार ने इस अनाचार को रोका और पारदर्शी तथा निष्पक्ष प्रणाली को प्रदेश में अपनाया। आज इसका परिणाम सभी को दिखाई देता है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि आप सभी विद्यार्थी यह कह सकते हैं कि आपने उस कालखण्ड में अपनी परीक्षा उत्तीर्ण की है, जब नकलविहीन परीक्षाएं प्रदेश में सम्पन्न होती थी। आज प्रदेश में परीक्षा केन्द्र वही संस्थाएं बन सकती हैं, जहां सी0सी0टी0वी0, बाउण्ड्री वॉल, अच्छा इंफ्रास्ट्रक्चर और फर्नीचर आदि की व्यवस्थाएं होगी। परीक्षा प्रणाली में भी रिफॉर्म किए गए, जिनमें परीक्षाएं दो या तीन महीने की बजाय, मात्र 13 से 14 दिनों में ही सम्पन्न की गई। पहले प्रदेश में दो-तीन महीनों तक परीक्षाएं चलती थीं, जिससे पठन-पाठन के लिए बहुत कम समय मिलता था।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि नये भारत का नया उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य से भारत का ग्रोथ इंजन बन चुका है। 08 लाख से अधिक युवाओं को पारदर्शी तरीके से प्रदेश में सरकारी नौकरी दी गयी है। आगामी 15 जून को 60,244 नवनियुक्त पुलिस कार्मिकों को नियुक्ति पत्र वितरण का कार्यक्रम आयोजित होने जा रहा है। लखनऊ में आयोजित इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में गृह एवं सहकारिता मंत्री श्री अमित शाह जी शामिल होंगे। इनमें 12 हजार से अधिक बेटियां हैं। वर्ष 1947 से 2017 तक 70 वर्षां में कुल 10 हजार बेटियां पुलिस बल में भर्ती हुई थीं। जबकि मात्र इस परीक्षा से ही 12 हजार से अधिक बेटियां पुलिस बल में भर्ती हो रही हैं। यह दर्शाता है कि जब सरकार में कार्य करने की इच्छाशक्ति होती है, तो उसके परिणाम भी सामने आते हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पढ़ाई के साथ-साथ एक दूसरे के प्रति, बड़े-बुजुर्गों, माता-पिता और अपने गुरुजनों के प्रति सम्मान का भाव विद्यार्थियों में होना चाहिए। समाज के प्रति जिम्मेदारी का भाव तथा राष्ट्र के प्रति जवाबदेही भी होनी चाहिए। राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान नहीं पहुंचाना है। यह समाज के योगदान से बनती है। यदि कोई सरकारी सम्पत्ति का नुकसान करे, तो उसे रोके। यदि उसे रोक ना सकें, तो उसकी शिकायत करें। जो भी सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है, सरकार ऐसे लोगों से सख्ती से निपटेगी। मुख्यमंत्री जी ने विश्वास व्यक्त किया कि सभी छात्र निरन्तर आगे बढ़ते हुए आने वाले समय में प्रदेश में देश के विकास में अपना नाम रोशन करेंगे।
इस अवसर पर वित्त एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री सुरेश कुमार खन्ना, विधायक श्री अम्बरीश कुमार, मुकेश शर्मा, उमेश द्विवेदी, अविनाश सिंह, रामचन्द्र सिंह प्रधान तथा मानवेन्द्र प्रताप सिंह (गुरुजी) एवं अन्य जनप्रतिनिधिगण, मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह, अपर मुख्य सचिव माध्यमिक शिक्षा श्री दीपक कुमार, महानिदेशक स्कूली शिक्षा श्रीमती कंचन वर्मा, शिक्षक, विद्यार्थी एवं अभिभावक उपस्थित थे। माध्यमिक शिक्षा राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्रीमती गुलाब देवी कार्यक्रम से वर्चुअल माध्यम से जुड़ी थी। विभिन्न जनपदों में भी सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।
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