औरैया मेडिकल कॉलेज का नामकरण लोकमाता के नाम पर किया गया
लखनऊ : 01 जून, 2025भारत के उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़ जी तथा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने पुण्यश्लोक लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर जन्म त्रिशताब्दी वर्ष स्मृति अभियान-2025 के अन्तर्गत आज जनपद आगरा के जी0आई0सी0 मैदान में आयोजित जनसभा को सम्बोधित किया। इससे पूर्व, उन्होंने ‘एक पेड़ माँ के नाम’ अभियान के अन्तर्गत वृक्षारोपण किया। लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
उप राष्ट्रपति जी ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की जयन्ती सिर्फ विशेष तारीख या ऐतिहासिक घटना नहीं, बल्कि हम सबके लिए जीवन दर्शन है। हमें संकल्प लेना पड़ेगा कि हम उनके आदर्शों पर चलेंगे। लोकमाता कठिन समय में भारत की महान परम्परा की प्रतिनिधि थीं, जहां धर्म-संस्कृति व शासन एक ही धारा में प्रवाहित होते हैं। सोमनाथ, काशी विश्वनाथ, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, बद्रीनाथ, केदारनाथ, भीमाशंकर, रामेश्वरम, गोकर्ण समेत न जाने कितने मंदिर उनके हाथ से संजीवित हुए। वीरांगना अहिल्याबाई होल्कर हमारे लिए प्रेरणा मूर्ति हैं।
उप राष्ट्रपति जी ने कहा कि संस्कृति का सृजन व संरक्षण बहुत अहम है। आक्रांता औरंगजेब ने काशी विश्वनाथ पर कुठाराघात किया तो उसके 100 वर्ष बाद अहिल्याबाई होल्कर ने दूरदर्शिता दिखाते हुए काशी विश्वनाथ में मंदिर बनाया। वर्तमान परिदृश्य की चर्चा करते हुए उप राष्ट्रपति जी ने कहा कि काशी में जो चमत्कारी परिवर्तन आया है, उससे पूरा देश अभिभूत है। काशी के मनोरम घाटों का अवलोकन कर आनन्द की अनुभूति होती है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में यह कार्य मुख्यमंत्री जी ने किया है। मुख्यमंत्री जी ने जो कार्य किया है, उसे आने वाली पीढ़ियां सदियों तक याद रखेंगी।
उप राष्ट्रपति जी ने कहा कि मुख्यमंत्री जी दूरदर्शी हैं और काम करने में विश्वास रखते हैं। दिसम्बर, 2021 में उन्होंने श्री काशी विश्वनाथ में आदि शंकराचार्य व लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर की प्रतिमा का अनावरण किया था। जो कार्य लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर ने किया, वही कार्य मुख्यमंत्री जी ने किया। उन्होंने उत्तर प्रदेश की काया पलट दी। काशी विश्वनाथ एवं अयोध्या के बाद मथुरा में भी कार्य होगा। आने वाली पीढ़ियां मुख्यमंत्री जी के कार्यों का उसी तरह स्मरण करेंगी, जैसे आज हम लोकमाता के कार्यों को याद करते हैं।
उपराष्ट्रपति जी ने कहा कि संकल्प लें कि लोकमाता अहिल्याबाई की तरह हम भी कर्तव्य को धर्म मानेंगे और अधिकारों को सेवा के माध्यम से आगे बढ़ाएंगे। विधि की रचना की तरह अहिल्याबाई की सोच मुख्यमंत्री जी में भी आ गई है। उत्तर प्रदेश की भूमि का सैन्य उत्पादन दुश्मन के कानों में गूंजता रहेगा। भारतीय सेना के पराक्रम को याद करते हुए उप राष्ट्रपति जी ने कहा कि 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में दुश्मनों ने कायरता दिखाई, उसका जवाब दिया गया।
उपराष्ट्रपति जी ने कहा कि ब्रह्मोस ने जैश-ए-मोहम्मद व लश्कर-ए-तैयबा के ठिकाने में घुसकर उन्हें तबाह किया। सेना के पराक्रम से दुश्मन को लोहे के चने चबाने पड़े। सेना ने दुनिया को संदेश दिया कि भारत बदल गया है। भारत आतंकवाद को समाप्त करेगा। जो हम पर हाथ डालेगा, उसे पूरी तरह नष्ट करेंगे।
उपराष्ट्रपति जी़ ने कहा कि मुख्यमंत्री जी ने अपने शासनकाल में उत्तर प्रदेश की छवि को पूर्ण रूप से बदल दिया। आज उत्तर प्रदेश का मतलब सुशासन व कानून का राज है। बिना कानून के राज के विकास सम्भव नहीं है। उत्तर प्रदेश अब उत्तम प्रदेश हो गया है। हम भारतीय हैं, भारतीयता हमारी पहचान और राष्ट्रवाद हमारा धर्म है। राष्ट्र सर्वोपरि है। राष्ट्र के लिए जो भी करेंगे, वह कम है।
उपराष्ट्रपति जी ने कहा कि अहिल्याबाई होल्कर किसान परिवार से थीं। वे न्यायप्रिय थीं। उन्होंने नारी सशक्तीकरण के लिए बहुत उच्च मापदण्ड रखे। अपनी सेना में महिलाओं की टुकड़ी बनाई। आज के भारत में नारी सशक्तीकरण अपनी पराकाष्ठा पर है। संसद व विधानसभाओं में भी नारियों के लिए आरक्षण है। किसानों के लिए लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर ने बहुत कुछ किया। किसानों ने ठान रखा है, इसलिए भारत विकसित होगा।
उपराष्ट्रपति जी ने कहा कि आज का उत्तर प्रदेश सांस्कृतिक विरासत का अद्भुत उदाहरण बन गया है। यहां कल्पना से परे चमत्कारिक कार्य हुए हैं। इसकी शुरुआत वर्ष 2014 से हुई, जब प्रधानमंत्री जी ने काशी को अपना राजनीतिक क्षेत्र चुना। इसमें तेज गति आई वर्ष 2017 में, जब योगी आदित्यनाथ जी प्रदेश के मुख्यमंत्री बने। इतने वर्षों तक लगातार सबसे बड़े प्रान्त का संचालन करने का गौरव योगी आदित्यनाथ जी को है। महाकुम्भ का आयोजन देख दुनिया आश्चर्यचकित थी। पूरी दुनिया में भारत की संस्कृति का संदेश गया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने अपने सम्बोधन में कहा कि जो समाज अपने राष्ट्र नायकों और राष्ट्र नायिकाओं के व्यक्तित्व और कृतित्व से प्रेरणा प्राप्त करते हुए अपनी भावी कार्ययोजना बनाता है, तो दुनिया की कोई भी ताकत उसके मार्ग में बाधा नहीं बन सकती है। लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर का विराट व्यक्तित्व और कृतित्व हम सभी के लिए प्रेरणादायी है। ब्रजभूमि आगरा की ऐतिहासिक धरती को भगवान बांके बिहारी और कृष्ण-कन्हैया का सान्निध्य प्राप्त हुआ था। आज इस पावन धरा पर भारत गणराज्य के उप राष्ट्रपति जी का आगमन हुआ हुआ है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर मालवा साम्राज्य की महारानी थी, जिसका क्षेत्र महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश के कुछ अंचलों में था। लोकमाता ने अखिल भारतीय दृष्टिकोण अपनाते हुए मालवा साम्राज्य की सीमा के बाहर जाकर, भारत की सांस्कृतिक विरासत के प्रतीक मन्दिरों की पुनर्स्थापना का महत्वपूर्ण कार्य आज से ढाई सौ वर्ष पहले किया था, जिन्हें विदेशी आक्रांताओं ने नष्ट और भ्रष्ट कर दिया था। यह मन्दिर भारत के अस्तित्व, अस्मिता और आस्था की पहचान थे। लोकमाता की 300 वीं जयन्ती का यह कार्यक्रम उनके योगदान के प्रति कृतज्ञता ज्ञापित करने का कार्यक्रम है। यह समारोह हमारे राष्ट्र नायकों के प्रति अपने उत्तरदायित्व का निर्वहन करने का भी एक उदाहरण है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोकमाता अहिल्याबाई होल्कर ने उस कालखण्ड में महिला सशक्तिकरण, हस्तशिल्पियों और कारीगरों, अन्नदाता किसानों, युवा शक्ति, सुरक्षा और भारत की विरासत को बचाने के लिए जो भी कदम उठाए, वह अविस्मरणीय व अभिनंदनीय हैं। उन्होंने भारत की विरासत को बचाने के लिए जो भी कार्य किये, उसमें राजकोष का धन खर्च नहीं किया, बल्कि स्वयं की संपत्ति से अर्जित धन से ही गया, पुरी, श्री काशी विश्वनाथ, केदारनाथ धाम, महाकाल, ओंकारेश्वर, सोमनाथ, भीमाशंकर और रामेश्वरम के मन्दिरों के पुनरुद्धार कार्य सम्पन्न किए।
लोक माता के कार्यों की एक लम्बी श्रृंखला है। उन्होंने 70 वर्षों का जीवन जिया था। उनका विराट व्यक्तित्व और कृतित्व आज हम सभी को नई प्रेरणा और प्रकाश प्रदान कर रहा है। इसी से प्रेरित होकर आज डबल इंजन सरकार प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के नेतृत्व में सभी योजनाओं को व्यवस्थित तरीके से आगे बढ़ाने का कार्य कर रही है। लखपति दीदी, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, मातृ वंदना योजना, फिट इण्डिया मूवमेन्ट, स्वास्थ्य व शिक्षा सहित आत्मनिर्भर भारत के निर्माण के लिए किए जाने वाले कार्य हों या श्री काशी विश्वनाथ धाम, अयोध्या में श्री रामलला के भव्य मन्दिर, महाकाल के महालोक का निर्माण, केदारनाथ और बद्रीनाथ धाम के पुनरुद्धार कार्य या सोमनाथ और रामेश्वरम के मन्दिरों में किए जाने वाले नए कार्य, यह सभी इसी श्रृंखला की अगली कड़ी है। यह सभी कार्य भारत को एक नई पहचान दिला रहे हैं।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोकमाता ने 300 वर्षों पहले ही मालवा साम्राज्य के माध्यम से आत्मरक्षा और सुरक्षा के गुण हमें सिखाए थे। आज जब भारतीय सेना सर्जिकल स्ट्राइक और एयर स्ट्राइक करती है तथा पहलगाम के आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान में घुसकर आतंकियों को मारती है, तो उसके मूल में लोकमाता अहिल्याबाई की प्रेरणा ही होती है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत के बहादुर जवानों ने ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम को नष्ट करके दुश्मन को झुकने के लिए मजबूर कर दिया। यह गौरव का विषय है कि हमें लोकमाता की त्रिशताब्दी जन्म महोत्सव से जुड़ने का अवसर प्राप्त हो रहा है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि लोक माता ने कामकाजी महिलाओं के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई थी। काशी की बनारसी साड़ियों की भांति लोकमाता ने 300 वर्ष पहले महेश्वर में महिष्मती साड़ियों के विकास में अपना योगदान दिया था। महिष्मती साड़ियों की कारीगरी काशी की रेशम की साड़ियों की भांति ही विख्यात है। लोकमाता के यह कार्य आज भी हमें प्रेरित करते हैं। उनकी स्मृति आज भी उसी रूप में बनी हुई है।
मुख्यमंत्री जी ने कहा कि पहले कुछ लोग उत्तर प्रदेश में बड़े-बड़े माफियाओं को पालते थे और कानून व्यवस्था के लिए संकट खड़ा करते थे। ऐसे लोग लोकमाता के नाम पर बने हुए डिग्री कॉलेज का नाम ही बदल देते थे। हमारी डबल इंजन सरकार ने औरैया मेडिकल कॉलेज का नामकरण लोकमाता के नाम पर किया है।
इस अवसर पर केन्द्रीय पंचायतीराज राज्यमंत्री तथा कार्यक्रम के संयोजक प्रो0 एस0पी0 सिंह बघेल, हरियाणा के राज्यपाल श्री बंडारू दत्तात्रेय, महाराष्ट्र विधान परिषद के सभापति प्रो0 राम शंकरराव शिन्दे, गोवा के पूर्व उप मुख्यमंत्री श्री चन्द्रकांत बाबू कावलेकर तथा अन्य जनप्रतिनिधिगण उपस्थित थे।
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