मुख्य सचिव ने बाराबंकी के कुसुम्भा गांव में "विकसित कृषि संकल्प अभियान" के अंतर्गत कार्यक्रम में किया प्रतिभाग



उन्नत कृषि, कम लागत में अधिक मुनाफा वाली कृषि पर बढ़ावा देने पर दिया बल

दिनांकः 10 जून, 2025
लखनऊः 
प्रदेश के मुख्य सचिव श्री मनोज कुमार सिंह ने आज जनपद बाराबंकी के विकास खंड देवा के ग्राम कुसुम्भा में "विकसित कृषि संकल्प अभियान" के अंतर्गत आयोजित कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।
          इस अवसर पर मुख्य सचिव ने ग्रामीण किसानों को संबोधित करते हुए उन्नत कृषि को बढ़ावा देने, कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने के उपायों और कृषि उत्पादों के निर्यात को गति देने के प्रयासों पर विस्तार से चर्चा की।
          उन्होंने कहा कि भारत आज विश्व में लगभग 700 लाख टन अनाज और 400 लाख टन फलों का उत्पादन करता है, जो देश की कृषि क्षमता का प्रमाण है। उन्होंने कहा कि किसान कुछ भी उगा सकता है, बशर्ते उसे उसकी मेहनत की उचित कीमत मिले। सरकार इसी दिशा में कार्य कर रही है ताकि किसानों को उनके उत्पादों का उचित मूल्य प्राप्त हो सके।
          उन्होंने जानकारी दी कि नोएडा के जेवर एयरपोर्ट पर कृषि उत्पादों के निर्यात के लिए विशेष व्यवस्था की जा रही है। इससे आने वाले दिनों में किसानों की फसलों की अंतरराष्ट्रीय बाजार तक सीधी पहुँच सुनिश्चित होगी और फसल मूल्य में अप्रत्याशित वृद्धि संभव हो सकेगी।
उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश देश का एकमात्र राज्य है जहाँ 75 प्रतिशत भू-भाग पर कृषि होती है और उसमें से 85 प्रतिशत से अधिक भूमि सिंचित है, जो राज्य की कृषि प्रगति का परिचायक है। उन्होंने कहा कि कम लागत, आधुनिक तकनीक, प्राकृतिक खेती और बाजार आधारित उत्पादन से किसान अपनी आय को दोगुना कर सकते हैं।
          कार्यक्रम के दौरान मुख्य सचिव द्वारा कृषकों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड, कृषि अनुदान प्रमाण पत्र एवं कृषक लाभार्थियों को विभिन्न योजनाओं के प्रमाण-पत्र प्रदान किए गए। उन्होंने किसानों से संवाद करते हुए सरकारी योजनाओं का अधिकतम लाभ लेने और वैज्ञानिक विधियों को अपनाने का आह्वान किया।
           कार्यक्रम में कुलपति, आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय अयोध्या, डॉ. विजेंद्र सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि विकसित कृषि संकल्प अभियान के माध्यम से वैज्ञानिक तकनीकों को खेतों तक पहुँचाया जा रहा है। उन्होंने किसानों से आह्वान किया कि वे जलवायु अनुकूल फसलें, मृदा परीक्षण, और जैविक खेती की ओर अग्रसर हों ताकि उत्पादन के साथ पर्यावरण संरक्षण भी सुनिश्चित हो सके।
           निदेशक कृषि, डॉ. जितेन्द्र तोमर ने बताया कि राज्य सरकार द्वारा डिजिटल कृषि, ई-कृषि पोर्टल, और ड्रोन तकनीक को बढ़ावा दिया जा रहा है, जिससे खेती में लागत कम और लाभ अधिक हो रहा है।
           पद्मश्री कृषक श्री राम सरन वर्मा ने कहा कि आज खेती केवल परंपरा नहीं, बल्कि एक व्यवस्थित व्यवसाय बन चुकी है। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए किसानों को उद्यमशीलता, नवाचार और तकनीकी खेती को अपनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ लेकर किसान आत्मनिर्भर बन सकता है।
          इस अवसर पर कृषि विभाग, उद्यान विभाग, पशुपालन, सिंचाई, शिक्षा और अन्य संबंधित विभागों द्वारा लगाई गई प्रदर्शनियों में कृषि तकनीकों, उन्नत बीज, सिंचाई प्रणालियों और प्रशिक्षण कार्यक्रमों की जानकारी दी गई।
मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि द्वारा परिसर में पौधरोपण भी किया गया।
          कार्यक्रम में जिलाधिकारी श्री शशांक त्रिपाठी, पुलिस अधीक्षक श्री अर्पित विजयवर्गीय, मुख्य विकास अधिकारी श्री अन्ना सुदन, आचार्य नरेन्द्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, कुमारगंज अयोध्या के कृषि वैज्ञानिक डा0 एस0पी0 सिंह एवं डा0 के0 एम0 सिंह, भारतीय गन्ना अनुसंधान संस्थान के कृषि वैज्ञानिक डा0 कामता प्रसाद एवं डा0 आलोक शिव, कृषि विज्ञान केन्द्र सहित कृषि एवं संबंधित विभागों के जनपद स्तरीय अधिकारीगणों एवं बड़ी संख्या में किसानों ने प्रतिभाग किया।

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