प्राथमिक शिक्षा एवं आंगनवाड़ी व्यवस्था को सुदृढ़ बनाने हेतु राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में उच्च स्तरीय बैठक संपन्न

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लखनऊ : 09 जून, 2025
       प्रदेश की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल की अध्यक्षता में प्राथमिक शिक्षा विभाग एवं आंगनबाड़ी विभाग के उच्च अधिकारियों के साथ एक महत्वपूर्ण उच्च स्तरीय बैठक का आयोजन राजभवन, लखनऊ में किया गया। बैठक में राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालयों का उच्चीकरण, प्रदेश में आंगनबाड़ी तथा प्राथमिक विद्यालयों में बच्चों के नामांकन, ड्रॉपआउट दर को कम करने तथा लिंगानुपात में सुधार से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर व्यापक चर्चा की गई।
        राज्यपाल जी ने बैठक में कहा कि प्रदेश के सभी जनपदों में कक्षा 01 से 05 तक पढ़ने वाले बच्चों का समय पर नामांकन सुनिश्चित किया जाए। उन्होंने अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा कि शिक्षा में ड्रॉपआउट दर को कम करने के लिए त्वरित और प्रभावी कदम उठाए जाएं। प्रदेशभर में यह सुनिश्चित किया जाए कि 06 से 10 वर्ष तक के सभी बच्चे विद्यालयों में नामांकित हों, शिक्षा विभाग द्वारा जारी शासनादेशों का समुचित और समयबद्ध क्रियान्वयन सुनिश्चित किया जाए।
         राज्यपाल जी ने प्रत्येक गांव में एक सप्ताह के भीतर बच्चों के नामांकन की विशेष मुहिम चलाये जाने के निर्देश दिये। उच्च अधिकारियों को निर्देशित करते हुए उन्होंने कहा कि प्रत्येक जनपद से बच्चों के नामांकन एवं ड्रापआउट के आंकड़े एकत्र कर स्थिति की समीक्षा की जाए। उन्होंने शत-प्रतिशत नामांकन की दिशा में समर्पित प्रयास किये जाने की आवश्यकता पर बल दिया।

          बैठक में राजभवन उच्च प्राथमिक विद्यालय के उच्चीकरण, वर्तमान स्थिति की समीक्षा की भी गई।
          राज्यपाल जी ने प्रदेश में घटते लिंगानुपात पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि निजी अस्पतालों में हो रही प्रसव प्रक्रियाओं की निगरानी की जाए, अस्पतालों से प्रसव संबंधित डेटा की अनिवार्य उपलब्धता सुनिश्चित की जाए, कन्या भ्रूण हत्या जैसे अपराधों को रोकने हेतु महिला एवं बाल विकास विभाग, स्वास्थ्य विभाग तथा पुलिस प्रशासन द्वारा सामन्जस्यपूर्ण कार्यवाही की जाये।
          बैठक में राज्यपाल जी ने आंगनवाड़ी अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रत्येक पात्र बच्चे का आंगनवाड़ी केंद्र में नामंाकन अनिवार्य रूप से किया जाए। बच्चों के भोजन, पोषण, स्वास्थ्य जांच, टीकाकरण, एवं प्रारंभिक शिक्षा की समुचित व्यवस्था सुनिश्चित हो। आंगनवाड़ी केंद्रों की नियमित समीक्षा, निरीक्षण एवं निगरानी की जाए।
         उन्होेंने हाल ही में विभिन्न जनपदों के दौरे के अनुभव साझा करते हुए कहा कि जमीनी स्तर पर अनेक समस्याएं विद्यमान हैं, जिन्हें प्राथमिकता से सुलझाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि प्रीमेच्योर डिलीवरी और संस्थागत प्रसव की स्थिति को भी बेहतर करने हेतु रणनीति तैयार की जाए।
         राज्यपाल जी ने स्पष्ट किया कि लिंगानुपात में सुधार और बच्चों के समग्र विकास हेतु शिक्षा विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग के बीच सुदृढ़ समन्वय स्थापित किया जाए। उन्होंने कहा कि बेटियों की संख्या में गिरावट बेहद चिंताजनक है और इसके लिए सामाजिक जागरूकता, स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार एवं ठोस नीतिगत उपायों की जरूरत है।
         इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव शिक्षा, श्री दीपक कुमार, अपर मुख्य सचिव, श्री राज्यपाल डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, श्रीमती, प्रमुख सचिव महिला कल्याण एवं बाल विकास पुष्टाहार विभाग, श्रीमती लीना जौहरी, विशेष कार्याधिकारी शिक्षा डॉ0 पंकज एल0 जानी एवं सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित रहे।

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