सीतापुर मार्ग पर ठाकुर नगर तिराहे के पास बना बड़ा गड्ढा हादसों को दावत दे रहा है।

सीतापुर ---में हरदोई-सीतापुर मार्ग पर ठाकुर नगर तिराहे के पास बना बड़ा गड्ढा हादसों को दावत दे रहा है। डीएम के आदेश के बाद महज गिट्टी डालकर खानापूर्ति के बाद पीडब्ल्यूडी विभाग अंजान बना हुआ है। स्थानीय लोगों का कहना है कि सड़क मार्ग पर बने गड्ढे हादसे का सबब बनते जा रहे हैं। रात के समय बाइक और कार चालक चोटिल भी हो चुके हैं, इसके साथ वाहनों को भी नुकसान पहुंचता है।

मामला तीर्थ नगरी नैमिषारण्य इलाके का है। बताते चलें कि इसी मार्ग से होकर लाखों की संख्या में श्रद्धालु गुज़रते हैं, परंतु बड़ा गड्ढा होने की वजह से किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है। श्रावण माह से पहले देवदेवेश्वर घाट की व्यवस्था परखने पहुंचे जिलाधिकारी अभिषेक आनंद ने समस्त विभागीय अधिकारियों को निर्देशित किया था, परंतु विभागीय कर्मचारियों की अनदेखी के चलते सड़क का हाल वैसा ही है जैसा कुछ महीनों पहले था।
जिलाधिकारी के आदेश को देखते हुए तुरंत लोक निर्माण विभाग द्वारा गिट्टी इत्यादि भरकर केवल औपचारिकता पूरी कर दी गई थी। फिलहाल मुख्य मार्ग पर बड़ा गड्ढा होने की वजह से कई वाहन अनियंत्रित हो चुके हैं, साथ ही कई बाइक सवार भी गिरकर चोटिल हुए।

स्थानीय निवासी नीरज सक्सेना ने बताया कि वह बीती देर रात मंदिर से घर जा रहे थे। इस दौरान गड्ढे में पानी भरा होने की वजह से बाइक सहित वह गड्ढे में गिर गए। गनीमत यह रही कि ज्यादा चोट नहीं आई। स्थानीय निवासी विजय सैनी ने बताया कि विभाग को गड्ढे भरवाने चाहिए, केवल औपचारिकता पूरी करने से कुछ नहीं होगा। फिलहाल लोक निर्माण विभाग की अनदेखी के चलते किसी भी समय बड़ा हादसा हो सकता है।
 सीतापुर ---में सुबह से हो रही रुक-रुक कर बारिश किसान के लिए जानलेवा साबित हुई है। यहां बिजली विभाग के लगे खंभे में अचानक करंट उतरने से किसान की तड़प तड़प कर मौत हो गई। हादसे की सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है। हादसे की सूचना के बाद मौके पर पहुंचे अंतरराष्ट्रीय बजरंग दल के पदाधिकारियों ने बिजली विभाग के अफसरों से मुआवजे की मांग की है।

घटना सदरपुर थाना इलाके की है। यहां आज दोपहर बरसात के बीच गांव में लगे खम्भे में अचानक करंट उतरने से हादसा हो गया। जानकारी के अनुसार क्षेत्र के ग्राम बसुदहा निवासी श्रीकेशन पुत्र सियाराम पेशे से किसान है। इसके साथ ही वह अंतर्राष्ट्रीय बजरंग दल के सदस्य भी है।
बताया जाता है कि आज सुबह से लगातार हो रही बारिश के बीच बरसात रुकने के दौरान किसान श्रीकेशन खेतों की तरफ जा रहे थे। इसी दौरान रास्ते मे उनका पैर फिसला और व बचने के लिए पड़ोस में लगे बिजली के खंभे को पकड़कर सम्भलने का प्रयास किया, लेकिन खम्भे में उतरे तारो के करंट की वह चपेट में आ गये।
करंट लगते ही वह खम्भे में चिपकाकर तड़पने लगे। स्थानीय ग्रामीणों ने मामले की सूचना विधुत विभाग को देकर लाइन को बंद कराया। झुलसे किसान को परिजन लेकर अस्पताल पहुंचे। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को पोस्टमॉर्टम के लिएजिला मुख्यालय भेज दिया है। ग्रामीणों ने विधुत विभाग के अफसरों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि खंभे पर लगे जर्जर तारों की वजह से हादसा हुआ है, शिकायत के बाद भी जिम्मेदार लोग ध्यान नही देना चाहते है।
हादसे के बाद मौके पर पहुंचे अंतरराष्ट्रीय बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने पहुंचकर बिजली विभाग के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए परिवार को आर्थिक मुआवजा दिलाये जाने की मांग की है। प्रभारी निरीक्षक राकेश सिंह ने बताया कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजकर विधुत विभाग के अफसरों को सूचित कर दिया गया है।
 सीतापुर --में बारिश के दौरान हुए जल भराव से निजात दिलाने के लिए नगर पालिका प्रशासन ने आज फिर अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर नालो पर हुए कब्जे को मुक्त कराया है। इस अभियान के तहत नगर पालिका प्रशासन ने पुलिस और मजिस्ट्रेट की अगुवाई में नालों पर बने दुकानों और अवैध कब्जे को बुल्डोजर से हटाते हुए ध्वस्त करने की कार्रवाई की है। नपा प्रशासन की इस कार्रवाई से अवैध कब्जेदारों में हड़कंप मचा हुआ है।

मानसून की बरसात में हुए शहर के बीच जलभराव से निजात दिलाने के लिए नगर पालिका टीम ने नालों पर अवैध कब्जे को मुक्त कराने का मेगा प्लान तैयार किया था। इस प्लान के तहत नगर पालिका ने युद्ध स्तर पर जल भराव की समस्या को दूर करने का काम करने की कवायद की है। इसी कड़ी में आज बुधवार को पहले से चिन्हित नालों पर अवैध अतिक्रमण के चलते शहर के पुराना सीतापुर में मन्नी चौराहे और कोर्ट चौराहे तक अतिक्रमण हटाने का अभियान चलाया गया।
जलभराव की समस्या से जल्द मिलेगी निजात
इस अभियान के तहत सड़क के बाई और दाई ओर बनी पटरी दुकानदारों के अवैध कब्जे को हटाया गया। इसके साथ ही मकान बनाकर आगे बाउंड्री और जीना बनाकर कब्जा किए गए, अतिक्रमण को बुलडोजर के जरिए ध्वस्त करते हुए नाले को अतिक्रमण मुक्त कर किया गया। नगर पालिका ईओ वैभव त्रिपाठी ने बताया कि यह अभियान लगातार चलता रहेगा, जिससे जलभराव की समस्या से जल्द निजात मिलेगी।
इस अभियान के तहत बुलडोजर की कार्रवाई में कई भवन स्वामियों की बाहर बाउंड्री और जीने बनाकर कब्जा किए गए कब्जे को तोड़ते हुए बुलडोजर ने ध्वस्त कर दिया है। इसके साथ ही दुकानों के सामने पड़ी टीन शेड को भी तोड़ने का काम किया है। जिला प्रशासन की अगुवाई में नगर पालिका द्वारा इस अतिक्रमण अभियान के दौरान अवैध कब्जेदारों में हड़कंप मचा हुआ है।
उन्नाव-,, के एक वकील ने महिला को लखनऊ में सीएम हाउस के पास आत्मदाह करने के लिए उकसाया था। 5 दिन से इसकी प्लानिंग चल रही थी। महिला को उन्नाव से पेट्रोल दिलाया गया था। महिला के मोबाइल की कॉल रिकॉर्डिंग से इसका खुलासा हुआ है। पुलिस ने एफआईआर दर्ज करके बुधवार रात वकील को गिरफ्तार कर लिया है।

डीसीपी सेंट्रल रवीना त्यागी ने बताया, वकील सुनील के भड़काने पर ही अंजलि ने विक्रमादित्य मार्ग पर जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट के बाहर खुद पर पेट्रोल डालकर आत्मदाह का प्रयास किया था। महिला के मोबाइल की जांच की गई तो उसमें 4 कॉल रिकॉर्डिंग मिली। इसी में महिला को उकसाने का प्रमाण है। 2 से 6 जुलाई के बीच वकील और महिला के बीच 57 बार फोन पर बातचीत हुई थी।

अब पढ़िए पुलिस ने क्या खुलासा किया...

लेकिन पहले एक नजर में पूरा मामला
लखनऊ में सीएम योगी के आवास के पास एक महिला ने मंगलवार दोपहर आत्मदाह की कोशिश की। उन्नाव से महिला जनता दरबार के लिए आई थी। बाहर आकर उसने गोद में लिए बच्चे को सड़क किनारे रखा। फिर बैग से पेट्रोल की बोतल निकाली। खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगा ली।

आसपास के पुलिसकर्मी जब तक कुछ समझ पाते, महिला बुरी तरह जलने लगी। पुलिसकर्मी महिला को बचाने के लिए दौड़े, लेकिन आग इतनी तेज थी कि हिम्मत नहीं कर पाए। बमुश्किल पानी डालकर आग बुझाई। तब तक महिला काफी जल चुकी थी। आग बुझते ही महिला खुद को बचाने की गुहार लगाने लगी।

वह बार-बार अपने बच्चे की तरफ देख रही थी। पुलिस अपनी गाड़ी से महिला को सिविल अस्पताल ले गई। डॉक्टरों ने प्राथमिक इलाज के बाद उसे KGMU रेफर कर दिया। महिला की हालत बेहद गंभीर है। उसका नाम अंजली जाटव पत्नी देशराज है।

महिला के पास से एक एप्लिकेशन मिली है। इसमें उसने उन्नाव के दरोगा राजेश यादव का नाम लिखा है। कहा है कि वह रिश्वत लेकर ससुराल वालों पर एक्शन नहीं ले रहा।

वकील ने महिला से कहा था- तुम आत्मदाह करो, सब औकात में आ जाएंगे
डीसीपी रवीना त्यागी ने बताया- वकील की अंजली से आखिरी बार बात मंगलवार सुबह 8.51 बजे हुई। तब अंजली ने उससे कहा- सर पहुंचने वाली हूं। तब अधिवक्ता ने जवाब दिया- ठीक है करो। इसके कुछ ही देर बाद अंजली ने खुद के ऊपर पेट्रोल डालकर आग लगा ली। इससे पहले की बातचीत में वकील ने कहा था कि सबसे अच्छा रहेगा कि ये काम सीएम आवास के पास जाकर करो।

सोमवार रात की बातचीत में वकील सुनील ने कहा था- तुम बस वो काम (आत्मदाह का प्रयास) करो। बवाल हो जाएगा। एसओ-सीओ सब औकात में आ जाएंगे। वहां ये जरूर कहना कि पुलिस वाले जातिसूचक शब्द कहकर गालियां देते हैं। इससे एससी/एसटी वाला पैसा भी दिला देंगे।

सोमवार रात को ही वकील ने अंजली से कहा था- लखनऊ में ऐसे खुला पेट्रोल कोई नहीं देगा। इसलिए उन्नाव से ही ले लेना। किसी डार्क डिब्बे में पेट्रोल ले जाना, जिससे दिखाई न दे। अंजली ने वैसा ही किया।
अब पढ़िए अंजली और वकील के बीच की आखिरी बातचीत

वकील: कल वाला काम करो समझ में आ जाएगा, एसओ और सीओ...(अपशब्द) औकात में आ जाएंगे।

पीड़िता: यही करेंगे पहले जा करके...।

वकील: ये काम करते ही समझो काम चालू, लाओ कल एफआईआर हम इनका बवाल कर ही दें...

पीड़िता: हम मुख्यमंत्री के यहां न जाएं।

वकील: नहीं मुख्यमंत्री के यहां जाओ।

पीड़िता: अब तो इसमें कुछ, वो लोग जेल चले गए हैं, तो इसमें ऐसा कुछ लिखा तो नहीं है सब इन्ही लोगों के खिलाफ है।

वकील: बड़ा मुस्किल काम है, हमारी बात समझ नहीं रही हो। तुम कानून नहीं जानती हो। उन्होंने जो 107/116 चलाया 151 किया है। इसके अन्तर्गत उनको जेल भेजा है तो अब इस मामले में वहां जाना बहुत जरूरी है। इसी समय कल पूरा थाना खाली हो जाएगा, खाली ये जाकर के बताओ कि 151 में इनको जेल भेजा है। हमको भी भेजने के मूड में थे, पुलिस वाले कह रहे थे इनको मिलने मत देना एसडीएम से, समझे, कल सुबह हम लोग आते हैं, तुम ऐसा करो, हमारा इन्तजार न करो तुम निकलो पहले लखनऊ।

पीड़िता: हां हम निलकते हैं, फिर जब हम आ जाएं तब आप निकलिएगा।

वकील: अपना काम करो लखनऊ में भगवान चाहेंगे तो 12 घंटे के अन्दर सब ठीक हो जाएगा। समझे कल इनको दिखा दो...।

पीड़िता: बस हमको कल भर खेल लेने दो, इसके बाद देखते हैं क्या होता है।

वकील: नहीं भगवान चाहेंगे तो कल सब हल हो जाएगा। तुम अर्ली ऑवर में निकलो। वहां पूरी बात बताओ, बस वही काम करो डिब्बे वाला, कह दो साहब अब मालूम हो गया यहां कुछ है नहीं, बस छोटी-छोटी बात के लिए यहां आना पड़ता है, मतलब यह पुलिस, हो सके तो यह कह देना कोतवाल पता नहीं किस बिरादरी का है।

पीड़िता: कोतवाल कुवंर बहादुर सिंह, है तो ठाकुर, ठाकुर ही है।

वकील: कल बताना जाके शाम को जब पति जेल गया तो उसने कहा था, साली चमारिन तुम्हारा दिमाग खराब है, तो हरिजन एक्ट बन जाएगा और इसका पैसा तुमको अलग से मिलेगा सरकार से।

पीड़िता: फिर तो सब ठीक है।

वकील: 70-80 हजार, और यह तुम्हारे पैर की धुवन घुलेंगे।

पीड़िता: यही करेंगे, सुबह जैसा कहा है...।

वकील: चाहे उनके आवास पर करो, चाहे विधानसभा पर करो, आवास जहां है, वहीं जाओ, वो ज्यादा अच्छा है।

पीड़िता: आवास पर नहीं गए थे, जहां जमा होता है वहीं गए थे।

वकील: मुख्यमंत्री वाला अलग होता है। तुम जाओ तुरन्त एक्शन होगा, यह काम जहां तुमने किया, मिट्टी का तेल वाला, डीजल वाला, पेट्रोल वाला, आफत मच जाएगी...आफत। यह जरूर कह देना, बाद में कि पति ने कहा था- साली चमारिन होश में रह नहीं तो तुमको कटवा कर मरवा देंगे, पता भी नहीं चलेगा।

पीड़िता: ठीक है सर, फिर सुबह निकलेंगे, तो बताएंगे, जब पहुंच जाएंगे वहां।

वकील: ठीक-ठीक वहां पहुंचकर अपना काम करना और सामान यहीं ले लेना।

पीड़िता: जी सर ले लेंगे यहीं।

वकील: वो वहां नहीं मिलेगा।

पीड़िता: समझ गए सर।

वकील: समझ गए ना।

पीड़िता: हां-हां

वकील: डार्क वाला कोई डिब्बा ले लेना, जिसमें दिखाई न पड़े, वो ले लेना, डार्क में सब दे देगें।

पीड़िता: ठीक है सर।

वकील: गाड़ी वालों के माध्यम से कह देना दे देगें।

पीड़िता: वही करेंगे, कह देगें, भइया स्कूटी खड़ी है, यहां पर थोड़ा दे दीजिए, हां वही।

वकील: भाई कुछ अपना बदलना सीखो।

पीड़िता: जी जी सर।

वकील: है ना बेटा, देखो राहें बहुत आसान नहीं हैं।

पीड़िता: जी सर।

वकील: पहुंच गए।

पीड़िता: सर बस पहुंचने वाली हूं।

वकील: ठीक है, करो

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